Hari bhoomi hindi news chhattisgarh
toggle-bar

आखिर क्यों अनुपम खेर को सरकार पर आया गुस्सा, बोल दी ये बड़ी बात

वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश के हालात देखकर अनुपम खेरने केंद्र सरकार को खरी खोटी सुनाई है। उन्होंने कहा है कि सरकार को इस समय अपनी छवि सुधारने की बजाय राहत उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए

Anupam Kher criticise government said needs to understand that life is more important than image building
X

आखिर क्यों अनुपम खेर को सरकार पर आया गुस्सा, जो बोलनी पड़ गयी ये बड़ी बात

भारत देश हर तरफ से कोरोना की मार को झेल रहा है। कोरोना की इस दूसरी लहर ने पूरे देश की हालत खराब कर दी है। रोजाना लाखों लोग इस महामारी का शिकार हो रहे है। हर रोज हजारों लोग कोरोना से अपनी जान गवां रहे है। ऐसे में बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर अनुपम खेर(Anupam kher) ने सरकार की आलोचना की है। अनुपम खेर ने केंद्र सरकार के बर्ताव को लेकर खरी- खोटी सुनाई है। हमेशा केंद्र सरकार के तारीफों के पुल बांधने वाले एक्टर अनुपम खेर कहना है कि सरकार फिसल गई है और इस समय में अपनी जिम्मेदारियों को समझना बेहद जरुरी है।

एक निजी चैनल को दिए गए अपने इंटरव्यू में अनुपम खेर ने कहा है कि 'कही न कहीं सरकार लड़खड़ा गई है। इस समय यह बात समझना बेहद जरुरी है कि छवि बनाने के अलावा भी जिंदगी में और भी बहुत काम हैं।' इंटरव्‍यू के दौरन अनुपम खेर से पूछा गया कि सरकार की कोशिश अभी राहत देने की बजाय खुद की इमेज और समझ को बनाने पर ज्‍यादा है, तो इस सवाल पर ऐक्‍टर ने कहा, 'सरकार के लिए जरूरी है कि वह इस चुनौती का सामना करे और उन लोगों के लिए कुछ करे जिन्होंने उन्हें चुना है।' जब अनुपम खेर से पूछा गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित परिवार के लोगों को हॉस्पिटल में बेड के लिए रोता देख और शवों को नदीं में बहाता देख उन्हें कैसा महसूस हुआ? इस पर अनुपम खेर का जवाब था कि 'मुझे लगता है कई केस में आलोचना करना उचित है संवेदनहीन व्यक्ति ही नदियों में बहती लाशों से प्रभावित नहीं होगा। मेरे हिसाब से हमें गुस्सा आना चाहिए। जो हो रहा है, उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है, लेकिन दूसरी राजनीतिक पार्टियों को भी अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।'

एफटीआईआई के पूर्व अध्‍यक्ष अनुपम खेर ने आगे कहा कि 'हम सब को सरकार पर गुस्सा होने का हक है और यह जरूरी भी है। सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और इस आपदा से लड़ने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।'

और पढ़ें
Next Story