बच्चन परिवार की बढ़ीं मुश्किलें, बहू ऐश्वर्या राय को ईडी ने भेजा नोटिस, जानिए क्या है मामला
बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने समन भेजा है। ईडी (ED) ने बच्चन परिवार की बहू को पनामा पेपर लीक (Panama Paper Leak) मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है।

बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने समन भेजा है।। ईडी (ED) ने बच्चन परिवार की बहू को पनामा पेपर लीक (Panama Paper Leak) मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। ईडी ने उन्हें 20 दिसंबर को दिल्ली कार्यालय में हाजिर होनें के लिए कहा है। इससे पहले भी ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) को ईडी ने 9 नवंबर को फेमा (FEMA) की धारा 37 के अंतर्गत तलब किया था। ये समन उनके प्रतीक्षा निवास पर भेजा गया था, जिसका जवाब उन्हें 15 दिनों के अंदर देना था। जिसका रिप्लाई एक्ट्रेस ने ईमेल के द्वारा दिया था। इसके बाद आज एक बार फिर ईडी ने उन्हें हाजिर होनें के लिए कहा है।
Enforcement Directorate summons Aishwarya Rai Bachchan in a case being investigated by the agency: Sources
— ANI (@ANI) December 20, 2021
(file photo) pic.twitter.com/7s2QPI7yjm
न्यूज एजेंसी 'एएनआई' (ANI) के सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने जांच किए जा रहे मामले में ऐश्वर्या राय बच्चन को तलब किया है। इस बात की जानकारी एजेंसी ने ट्वीट शेयर करते हुए दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक ईडी ऑफिशियल का कहना है, "हमने उन्हें 20 दिसंबर के लिए बुलाया था। अभी तक हमें उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। समन उनके मुंबई स्थित आवास पर भेजा गया था।" ऑफिसर ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "अगर वह जांच में शामिल नहीं होती हैं तो ईडी आगे की कानूनी कार्रवाई के बारे में सोचेगा। वे भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए एक्सपर्ट्स से कानूनी राय ले सकते हैं।"
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लीक हुए दस्तावेज मूल रूप से जर्मन अखबार सुदेतुश ज़ितुंग द्वारा प्राप्त किए गए थे। इनमें से कम से कम 12,000 ताजा दस्तावेज भारतीयों से जुड़े हैं। इस लिस्ट में ऐश्वर्या राय समेत कई सेलेब्स और बिजनेसमैन के नाम सामने आए थे। जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Foreign Exchange Management Act) के तहत मामला दर्ज किया था। पनामा पेपर्स में बताया गया था कि कैसे टैक्स से बचने के लिए कंपनियों को ऑफशोर आईलैंड में स्थापित किया गया था।