Abhijeet Sawant Interview: स्टेज शो के बाद अभीजीत के साथ हुआ था कुछ ऐसा, बयां की दर्द-ए-दास्तां
सिंगर अभिजीत सावंत को आज भी दर्शक ‘इंडियन आइडल’ के पहले विनर के तौर पर पहचानते हैं। विनर बनने बाद वह बॉलीवुड में बतौर प्लेबैक सिंगर एक्टिव हुए, एड फिल्म्स में भी उनकी डिमांड बढ़ गई थी।

सिंगर अभिजीत सावंत को आज भी दर्शक ‘इंडियन आइडल’ के पहले विनर के तौर पर पहचानते हैं। विनर बनने बाद वह बॉलीवुड में बतौर प्लेबैक सिंगर एक्टिव हुए, एड फिल्म्स में भी उनकी डिमांड बढ़ गई थी।
बाद में अभिजीत ने एक्टिंग में भी हाथ आजमाया, लेकिन उनकी फिल्में चली नहीं। कुछ समय से अभिजीत लाइमलाइट में भी नहीं थे। लेकिन अब वह एंड टीवी का किड्स रियालिटी शो ‘लव मी इंडिया’ के वेस्ट जोन के मेंटर के तौर पर नजर आ रहे हैं।
आप लंबे समय बाद एंड टीवी के नए किड्स रियालिटी शो ‘लव मी इंडिया’ के जरिए लाइमलाइट में लौटे हैं? यह किस तरह का शो है?
मैं नजर नहीं आ रहा था तो इसका मतलब यह नहीं था कि कहीं भी नहीं था। स्टेज शो, प्लेबैक सिंगिंग और अलबम सॉन्ग में बिजी था। फिर मेरे पास जब ‘लव मी इंडिया’ का ऑफर आया तो मैंने एक्सेप्ट कर लिया।
यह एक अलग तरह का किड्स सिंगिंग रियालिटी शो है। मैं इसमें वेस्ट जोन यानी महाराष्ट्र, गुजरात के किड्स सिंगर्स का कैप्टन हूं। इस जोन के बच्चों को मैं गाइड करूंगा। एक तरह से मैं उनका मेंटर हूं।
जब मैं रियालिटी शो में बतौर सिंगर आया था तो मेरी भी ग्रूमिंग हुई थी, अब मैं उस एक्सपीरियंस के जरिए बच्चों को ग्रूम करूंगा। शो ‘लव मी इंडिया’ में गुरु रंधावा, हिमेश रेशमिया और नेहा भसीन जजेज हैं।
बच्चों को गाइड करने का आपका क्राइटेरिया क्या है?
हमारे जमाने में बच्चों को हैंडल करने के लिए पैरेंट्स खूब डांटते-डपटते भी थे, कई बार मार भी पड़ जाती थी। मेरी नजर में बच्चों के साथ ऐसा करना ठीक नहीं है। बच्चों को डांट-डपट कर कुछ नहीं सिखाया जा सकता है।
मेरी बेटी पांच साल की है, उससे प्यार से हर काम कराया या सिखाया जा सकता है। इन बातों को भी शो में इस्तेमाल कर रहा हूं। हर बच्चे को प्यार से गाइड करता हूं। बच्चों को हैंडल करने के लिए बहुत पेशेंस की जरूरत होती है।
शो में सिंगर-कंपोजर हिमेश रेशमिया भी हैं? उनके साथ कैसे एक्सपीरियंस हो रहे हैं?
हिमेश रेशमिया ने मुझे फिल्म ‘आशिक बनाया आपने’ में गाने का मौका दिया था, यह बात मैं भूल नहीं सकता हूं। वह मेरे सीनियर हैं, उनके साथ ही नहीं, नेहा भसीन, गुरु रंधावा के साथ भी स्क्रीन शेयर करना, म्यूजिक से जुड़ी बातें करने का एक्सपीरियंस बेहतरीन है।
जहां तक आपके सिंगिंग करियर का सवाल है तो आपको नहीं लगता कि सिंगिंग करने के मौके कम मिले?
हां, मैं मानता हूं कि मुझे जितने मौके प्लेबैक सिंगिंग के मिलने चाहिए थे, उतने नहीं मिले। इसे मैं किस्मत कहूंगा। एक बड़े सिंगर से मेरी मुलाकात हुई थी, उन्होंने बताया कि सॉन्ग पाने के लिए कई तरीके अपनाने पड़ते हैं, लेकिन मेरे बस में यह सब करना नहीं है।
फिर भी मैं कभी निराश नहीं हुआ। एक दरवाजा बंद हुआ तो भगवान ने दूसरा दरवाजा खोल भी दिया। मैंने बहुत स्टेज शोज किए हैं। दुनिया भर के इंडियन म्यूजिक लवर के सामने मैंने परफॉर्म किया है।
एक बार की बात है, स्टेज शो के बाद एक शख्स मिला, उसने बताया कि उसके दादा जी को मेरी आवाज बहुत पसंद थी और वह भी मेरे गाने खूब सुनता है। यह बात मेरे दिल को छू गई कि दो अलग-अलग पीढ़ियों को मेरी आवाज पसंद है, मेरे गाने पसंद हैं। इस तरह की बातों से एक सिंगर को बहुत मोटिवेशन मिलता है।
आजकल सिंगर्स तो कंपोजिंग, लिरिक्स राइटिंग भी कर रहे हैं? क्या आप बदलते वक्त के साथ खुद को तैयार कर रहे हैं?
देखिए, इंसान के सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। जीवन भर हम सीखते हैं। मेरा मानना है कि ऐसा करना जरूरी है वरना हम पिछड़ छूट जाएंगे, दुनिया के साथ तालमेल नहीं बैठा पाएंगे।
मैं भी म्यूजिक स्किल्स को बढ़ा रहा हूं, कुछ समय पहले मैंने वेस्टर्न म्यूजिक सीखा, की-बोर्ड और पियानो बजाना सीखा। म्यूजिक के सफर में जो भी जरूरी होगा, मैं सीखता जाऊंगा।
आगे क्या नया कर रहे हैं?
एक फिल्म के लिए प्लेबैक सिंगिंग कर रहा हूं। इसके अलावा हरमीत के सूफी अलबम में मैंने गाया और परफॉर्म किया है। इस अलबम की पूरी शूटिंग टेक्सास, यूएसए में हुई है। यह बहुत जल्द लॉन्च होगा। साथ ही कई स्टेज शोज भी कर रहा हूं।
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