Aashim Gulati Interview: ''कर्ण संगिनी'' के आशिम ने बताई कवच-कुंडल की सच्ची कहानी
महाभारत की महागाथा को सीरियल के रूप में दर्शक टीवी पर कई बार देख चुके हैं। इसमें अधिकतर महाभारत के युद्ध पक्ष को ही सामने रखा जाता है।

महाभारत की महागाथा को सीरियल के रूप में दर्शक टीवी पर कई बार देख चुके हैं। इसमें अधिकतर महाभारत के युद्ध पक्ष को ही सामने रखा जाता है, जबकि इस महागाथा के हर पात्र का जीवन, उनके जीवन में घटने वाली घटनाएं एक अलग प्रस्तुति की संभावनाएं लिए हुए है।
साहित्य में तो समय-समय पर महाभारत के किसी एक पात्र को आधार बनाकर रचनाएं भी लिखी गई हैं। अब टीवी सीरियल पर भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। स्टार प्लस पर कर्ण और उनकी पत्नी उरुवी के जीवन पर आधारित सीरियल ‘कर्ण संगिनी’ बहुत जल्द शुरू होगा। सीरियल में कर्ण की भूमिका को आशिम गुलाटी निभा रहे हैं।
सीरियल ‘कर्ण संगिनी’ का हिस्सा आप कैसे बने?
शशि-सुमित प्रोडक्शन हाउस के कास्टिंग डायरेक्टर का मुझे कुछ महीने पहले फोन आया था। उन्होंने मुझे मीटिंग के लिए बुलाया। इस दौरान मुझे ‘कर्ण संगिनी’ में कर्ण की भूमिका निभाने का ऑफर दिया। उस वक्त मैं बहुत खुश हुआ। लेकिन अचानक लगा कि एक बार माइथोलॉजिकल कैरेक्टर कर लूंगा तो आगे भी इसी तरह की इमेज में बंध जाऊंगा। उस वक्त मैंने कास्टिंग डायरेक्टर को मना कर दिया। लेकिन घर जाकर मैं कर्ण के बारे में ही सोचता रहा। वह महाभारत में लॉर्जर देन लाइफ कैरेक्टर है। आखिर में मैंने कास्टिंग डायरेक्टर को फोन करके कर्ण के रोल के लिए हामी भर दी।
कर्ण की भूमिका को निभाने के लिए आपने क्या तैयारियां कीं?
ज्यादातर लोग महाभारत और कर्ण के बारे में जानते हैं। मैं भी जानता हूं। लेकिन मैंने सीरियल साइन करने के बाद उनके बारे में काफी कुछ पढ़ा। हमारे सीरियल की कहानी किताब ‘कर्ण वाइफ : द आउटकास्ट क्वीन’ पर बेस्ड है। इस किताब की राइटर ने कुछ काल्पनिक और सच्ची घटनाओं को आधार बनाकर कहानी लिखी है।
कर्ण के जीवन से आपको क्या सीख मिली?
हमारा सीरियल सौ एपिसोड्स का है। इसमें कर्ण, कुंती, अर्जुन, उरुवी और कृष्ण जैसे कई किरदारों के बारे में भी बताया जाएगा। जहां तक मैंने कर्ण को जाना है, उनके जीवन से यही सीखा कि सभी की तरह उनके हिस्से में भी विधाता ने कष्ट लिखे थे। लेकिन कर्ण ने हर कष्ट को सहन किया, अपने जीवन की हर बाधा को दूर किया और इस तरह महाभारत में अपने लिए एक नायक का स्थान बनाया। कर्ण हमें जीवन की मुश्किलों से लड़ने की प्रेरणा देते हैं।
कर्ण बहुत बड़े योद्धा थे, लेकिन दैवीय कवच-कुंडल भी उन्हें शक्तिशाली बनाते थे। सुना है इस सीरियल में कवच-कुंडल को अलग तरह से दिखाया गया है?
हमारे सीरियल में कवच-कुंडल प्रोस्थेटिक मेकअप से बने हैं। हर रात जब शूटिंग खत्म होती है, मेकअप वाले कवच-कुंडल को निकाला जाता है, फिर दूसरे दिन दोबारा कवच-कुंडल मेरे शरीर पर लगाए जाते हैं। यह सब आसान नहीं होता है। लेकिन सच कहूं जब भी कवच-कुंडल पहनता हूं तो लगता है कि मुझमें नई ऊर्जा आ गई है।
आप अपने अब तक के करियर से संतुष्ट हैं?
मैं दिल्ली से हूं। जब से होश संभाला, मैंने अभिनय में अपनी दिलचस्पी पाई। स्कूल-कॉलेज में थिएटर करना शुरू किया। अहसास हुआ कि अभिनय तो मेरा पैशन है। फिर सोच लिया कि अगर करियर बनाना है तो बस इस फील्ड में बनाना है। मैं दिल्ली से मुंबई आया। शुरू में मेरे पास गुजारे लायक पैसे तो थे, लेकिन मुझे अहसास था कि यहां रहना और टिकना है तो काम करना ही होगा। सिर्फ प्रोडक्शन हाउस के चक्कर काटकर गुजारा नहीं हो सकता, तब मैंने एक्टिंग की वर्कशॉप्स के अलावा एड एजेंसीज में अपना पोर्टफोलियो दिया। बहुत जल्द मुझे एड फिल्में मिलने लगीं। एड फिल्मों में काम करने पर पैसा ठीक-ठाक मिलने लगा। मैंने कई एड फिल्में कीं। इसके बाद मुझे फिल्म ‘तुम बिन’ 2016 में मिली। मैंने सुधीर मिश्रा डायरेक्टेड वेब सीरीज भी की। अब सीरियल ‘कर्ण संगिनी’ कर रहा हूं। आठ साल के करियर में इतना काम कर लिया, इससे में खुश हूं। लेकिन अभी बहुत आगे जाना है।
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