8 महीने की बच्ची से बलात्कार मामला: बच्ची की हालत गंभीर, SC ने DLSA को दिए जांच के आदेश
दिल्ली के शालीमार बाग में हुए 8 महीने की बच्ची के बलात्कार का मामला अब अदालत पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है।

दिल्ली के शालीमार बाग में हुए 8 महीने की बच्ची के बलात्कार का मामला अब अदालत पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऐम्स के दो डॉक्टर पूरे मामले की जांच करेंगे उसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि पीड़ित बच्ची को ऐम्स में शिफ्ट किया जाए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी इस मामले में सहयोग करने का आदेश दिया है।
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इस जनहित याचिका में पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजे की मांग की गई है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि पीड़ित बच्ची का एक अच्छे अस्पताल में इलाज करवाया जाए।
Supreme Court agrees to hear the PIL seeking justice for the 8-month-old baby who was raped in Delhi 2 days ago. Petition seeks directions to authorities to shift the baby to a better hospital & ensure compensation of Rs.10 Lakh to the family.
— ANI (@ANI) January 31, 2018
अलख आलोक श्रीवास्तव ने 8 महीने की बच्ची से बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि यौन शोषण से बच्चों की सुरक्षा(पोस्को) एक्ट के तहत आरोपी को उम्रकैद होनी चाहिए। अगर रेप केस में पीड़ित 0-12 साल तक है, तो आरोपी को मृत्यु दंड दिया जाना चाहिए। अलख आलोक श्रीवास्तव वकील और याचिकाकर्ता हैं।
गौरतलब है कि 29 जनवरी की रात को 8 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था। ये बलात्कार किसी और ने नहीं बल्कि उसके 28 वर्षीय चचेरे भाई ने किया था। हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है
बलात्कार के बाद बच्ची को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया। बच्ची के अंदरूनी अंगों पर गहरी चोटें आयी हैं। तीन घंटे तक मासूम का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के दौरान बच्ची लगातार रो रही थी। हालांकि अब बच्ची की हालत ठीक है।
दिल्ली महिला आयोग ने की मदद
बच्ची के पैरंट्स की आर्थिक हालत देखते हुए दिल्ली महिला आयोग ने अदालत में अंतरिम मुआवजे के लिए ऐप्लिकेशन दी, जिस पर स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने 75 हजार मुआवजा दे दिया। आयोग, पैरंट्स को 50 हजार रुपये की भी मदद देगा।
स्वाती मालीवाल ने की फांसी मांग
दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालीवाल ने कहा है कि रेप के दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए। स्वाति ने कहा कि वह शॉक में हैं कि कैसे बच्चियों की आवाज अनसुनी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि 8 महीने की बच्ची की 3 घंटे तक सर्जरी हुई। उसके प्राइवेट पार्ट में चोटें आईं हैं। बच्ची लाइफ सपॉर्ट पर है।
वुमेन सेफ्टी पर बने कमेटी
स्वाति ने कहा है कि इन मामलों के लिए पिछले दो साल से आयोग मांग कर रहा है कि रेपिस्ट को 6 महीने में फांसी दी जाए, पुलिस संसाधन बढ़ाए जाएं। केंद्र, वुमेन सेफ्टी को लेकर फौरन एक हाई लेवल कमेटी बनाए। इसमें एलजी, केंद्र, राज्य सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग शामिल हो, लेकिन फांसी की सजा तो क्या, अब तक कमिटी बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
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