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राम रहीम से भी बड़ा अय्याश है वीरेंद्र देव दीक्षित, जानें आश्रम के अंदर की खौफनाक कहानी

दिल्ली के रोहिणी के विजय विहार इलाके में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से आश्रम चलाने वाला वीरेंद्र देव दीक्षित खुद को कृष्ण बताता था।

राम रहीम से भी बड़ा अय्याश है वीरेंद्र देव दीक्षित, जानें आश्रम के अंदर की खौफनाक कहानी
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दिल्ली के रोहिणी के विजय विहार इलाके में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से आश्रम चलाने वाला वीरेंद्र देव दीक्षित खुद को कृष्ण बताता था। वीरेंद्र हमेशा महिला शिष्याओं के बीच ही रहना पसंद करता था। इतना ही नहीं इसने 16 हजार महिलाओं के साथ संबंध बनाने का टारगेट भी तय कर रखा था।

दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर मंगलवार देर रात आश्रम पर छापा मार जांच करने पहुंची महिला आयोग और दिल्ली पुलिस की टीम को यहां मिले वीडियो में ये बात सामने आई। जिसके चलते हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले की CBI जांच होनी चाहिए।

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NGO ने कोर्ट में लगाई थी जांच की गुहार

इस आश्रम में नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को बंधक बनाकर यौन शोषण के आरोप के बाद एक NGO ने कोर्ट में गुहार लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को महिला आयोग को जांच का आदेश दिया था। महिला आयोग और पुलिस की टीम ने कार्रवाई के बाद बुधवार को हाईकोर्ट को मामले की रिपोर्ट सौंपी।

शिष्याओं को दी जाती थी नशीली दवाएं

आक्षम में जांच करने पहुंची टीम को एक वीडियो मिला है, जिसमें सामने आया है कि वीरेंद्र खुद को कृष्ण बताकर गोपियों और लड़कियों को संबंध बनाने के लिए राजी करता था।
यहां लड़कियों को 5 दिन तक एक कमरे में बंद रखा जाता था। जहां उन नाबालिगों को बाबा का वीडियो दिखाकर ब्रेनवॉश किया जाता था। इतना ही नहीं जांच करने गई दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि महिलाओं को यहां नशीली दवाएं दी जाती थीं।

महिलाएं ने कहा- वो दीक्षा ले रही हैं

आश्रम में जांच करने पहुंची टीम ने महिलाओं से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि वो यहां दीक्षा ले रही हैं, लेकिन आश्रम में कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं मिला। 4 मंजिला आश्रम के अंदर बोर्ड पर लिखा मिला कि अगर आपसे कोई पूछे कैसे हो तो कहना- ठीक और खुश हैं।

जांच टीम को पूछताछ के दौरान पड़ोसियों ने बताया कि रात में लड़कियां यहां से आती-जाती हैं और यहां सेक्स रैकेट चलता है। आश्रम में महिलाओं की ज्यादा उम्र होने के बाद उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है।

इस आश्रम में कई राज्यों की लड़कियां रहती हैं। जिनमें मुख्य रूप से उड़ीसा, कर्नाटक, बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश व राजस्थान शामिल हैं।

10 रु. के स्टैम्प पर लिखाई जाती थी रजामंदी

हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाली सीमा शर्मा के मुताबिक, इस आश्रम में नाबालिग बच्चियों को दीक्षा देने की बात बोलकर यहां लाया जाता है। इन बच्चियों के परिजन हर महीने पैसे भी भेजते हैं।

आश्रम में परिजनों से 10 रुपए के स्टैम्प पेपर पर उनकी रजामंदी का हलफनामा भरवाया जाता था। इतना ही नहीं लड़की के 18 साल की होने पर उनसे एक कागज पर सिग्नेचर कराया जाता था, जिसमें लिखा रहता था कि वो अपनी मर्जी से यहां रह रहीं हैं।

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10 लड़कियों से रोजाना होता था दुष्कर्म

इस आश्रम की 5वीं मंजिल पर टीन शेड पड़ा है। जहां बगैर इजाजक के कोई नहीं जा सकता। यहां ध्यान केंद्र हैं, जहां से हर जगह पर नजर रखी जाती है। यहां महिलाओं के सोने की जगह पर भी है।

जांच टीम के मुताबिक, यह आश्रम नहीं, छावनी है। जहां हर कदम पर मेटल गेट है और इन पर ताले लगे रहते हैं। हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाली सीमा ने आरोप लगाया कि बाबा नशा करके रोज 10 लड़कियों के साथ रेप करता था।

कैसे हुआ आश्रम का पर्दाफाश

वीरेंद्र देव के आश्रम में राजस्थान की एक महिला अनुयायी बनकर रह चुकी थी। इसके बाद उसने अपनी चारों बेटियों को भक्ति के लिए छोड़ दिया था, जिसमें से एक नाबालिग है।

इस नाबालिग बच्ची ने मां को बताया कि बाबा ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ और महिला ने और उसके पति ने बाबा पर रेप का केस दर्ज कराया। इस ढोंगी बाबा पर रेप समेत कई धाराओं में 11 मामले दर्ज हैं। जिनकी पुलिस जांच कर रही है।

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