दिल्ली: सीलिंग के विरोध में आज बंद रहेंगी लाखों दुकानें, रामलीला मैदान में महारैली
देश की राजधानी दिल्ली में सीलिंग के खिलाफ एक बार फिर व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया है।

देश की राजधानी दिल्ली में सीलिंग के खिलाफ एक बार फिर व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया है। सीलिंग कार्रवाई के विरोध में व्यापारी संगठन बुधवार को दिल्ली बंद करेंगे।
दिल्ली में 25,00 से अधिक मार्केट में लाखों दुकानों के शटर नहीं उठाए जाएंगे। आज सीलिंग अभियान के विरोध में सार्वजनिक रैली निकाली जाएगी, साथ ही धरने-प्रदर्शन किए जाएंगे।
Lakhs of shops to be shut in protest of sealing in #Delhi
— ANI Digital (@ani_digital) March 27, 2018
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रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया है जिसमें एक लाख लोगों के जुटने की संभावना है। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक सीलिंग के विरोध में व्यापारियों के बच्चे स्कूल-कॉलेज भी नहीं जाएंगे। महारैली का समस्त राजनीतिक दलों ने भी समर्थन करने का ऐलान किया है।
व्यापारियों ने रैली सफल बनाने के लिए 500 बसों की व्यवस्था की है
आपको बता दें कि व्यापारियों ने रैली को सफल बनाने के लिए अलग-अलग बाजारों से 500 से ज्यादा बसों की व्यवस्था की है। इस महारैली में व्यापारियों के साथ भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल होंगे। इसके अलावा दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारी भी हिस्सा लेंगे।
सीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता और महासचिव विष्णु भार्गव ने बताया कि चावड़ी बाजार, कनाट प्लेस, गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, अशोक विहार, राजौरी गार्डन, लाजपत नगर, चांदनी चौक, सदर बाजार, कशमीरी गेट, प्रीत विहार, शाहदरा, कृष्णा नगर, जनकपुरी, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्स, सरोजिनी नगर, कमला नगर, नया बाजार, भागीरथ प्लेस, लाजपतराय मार्केट, तिलक नगर, मॉडल टाउन समेत दिल्ली के तमाम छोटे बड़े बाजार बंद रहेंगे।
बुधवार को बंद करना ऐतिहासिक होगा
सीटीआई के संयोजक ब्रिजेश गोयल और प्रमुख सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि बुधवार को बंद करना ऐतिहासिक होगा, क्योंकि सभी राजनीतिक दलों, व्यापारियों के संगठनों के साथ-साथ 2000 से भी ज्यादा छोटे और बड़े पैमाने पर संगठनों ने इसका समर्थन किया है।
सीटीआई का कहना है कि पिछले तीन महीने में 4000 से अधिक दुकानें सील हो चुकी हैं लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का हल केवल केंद्र सरकार के पास है, हम मांग करते हैं कि तुरन्त एक बिल या अध्यादेश लाकर सीलिंग की कार्रवाई को रोका जाए।
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