दिल्लीः हाईकोर्ट ने अंतरराज्यीय गिरफ्तारी प्रक्रिया पर गौर करने के लिए कहा
दूसरे राज्यों की पुलिस द्वारा स्थानीय पुलिस को सूचित किए बगैर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को गिरफ्तार करने की घटनाओं के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस तरह की प्रक्रियाओं पर दुबारा गौर करने के लिए कहा है ताकि पुलिस बल की ‘‘अराजकता'''' के कारण नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता को नुकसान नहीं पहुंचे।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 28 Aug 2018 6:47 AM GMT
दूसरे राज्यों की पुलिस द्वारा स्थानीय पुलिस को सूचित किए बगैर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को गिरफ्तार करने की घटनाओं के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस तरह की प्रक्रियाओं पर दुबारा गौर करने के लिए कहा है ताकि पुलिस बल की ‘‘अराजकता' के कारण नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता को नुकसान नहीं पहुंचे।
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल ने कहा कि इस तरह के काम ‘‘पुलिस नियमावली' के विपरीत' हैं और अगर इन पर रोक नहीं लगाई गई तो यह ‘‘पुलिस बल की अराजकता को अनदेखा करने जैसा होगा।'
अदालत ने कहा, ‘‘जो देश कानून से संचालित होता है वहां यह सामान्य रूप से अस्वीकार्य है।'
अदालत ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एक युवा दंपति को महिला के पिता की शिकायत पर उत्तरप्रदेश पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने और गुजरात पुलिस द्वारा दिल्ली पुलिस को सूचित किए बगैर एक किशोर को गिरफ्तार कर ले जाने के मामले का जिक्र किया।
अदालत ने कहा कि वर्तमान प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है जिसके तहत एक राज्य के पुलिस अधिकारी दूसरे राज्यों या केंद्र शासित क्षेत्रों में गिरफ्तारी या छापेमारी और जांच करते हैं।
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