दिल्ली में लगातार गिर रही वायु की गुणवत्ता, चिंतित करने वाली वैश्विक रिपोर्टें
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होने के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं, बढ़ते प्रदूषण को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार एक दूसरे पर आरोप - प्रत्यारोप लगा रही है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 30 Oct 2018 4:44 AM GMT
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होने के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं, बढ़ते प्रदूषण को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार एक दूसरे पर आरोप - प्रत्यारोप लगा रही है।
इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएयओ) की एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक 2016 में भारत में पांच साल से कम उम्र के करीब एक लाख बच्चों की जहरीली हवा के प्रभाव में आने से मौत हो गई । साथ ही, इसमें बताया गया कि निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे 2016 में हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) से होने वाले वायु प्रदूषण के शिकार हुए।
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को ‘बहुत ही चिन्ताजनक' बताते हुये निर्देश दिया कि पेट्रोल से चलने वाले 15 साल पुराने और डीजल से चलने वाले 10 साल वाहनों की सूची केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और परिवहन विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाये। इस बीच, ग्रीनपीस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भारत के प्रदूषण स्तर की बहुत ही भयावह तस्वीर पेश की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘‘हॉटस्पॉट' भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है। पीएम2.5 और ओजोन के निर्माण के लिए नाइट्रोजन ऑक्साइड जिम्मेदार होता है। राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार एक-दूसरे पर दोष मढ़ रही है और प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने का एक दूसरे पर आरोप लगा रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के लिए केंद्र और हरियाणा एवं पंजाब की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि आप सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद वे कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली में प्रदूषण पूरे वर्ष नियंत्रण में रहा लेकिन प्रतिवर्ष इस समय (सर्दियों में) दिल्ली को केंद्र, भाजपा नीत हरियाणा और कांग्रेस नीत पंजाब सरकारों के चलते गंभीर प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।'
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सभी प्रयासों के बावजूद वे कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। इन दोनों राज्यों के किसान भी अपनी सरकारों से तंग आ चुके हैं।'
केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि आप सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए बुनियादी कदम उठाने में असफल रही।
हर्षवर्धन ने कहा कि केजरीवाल केंद्र एवं राज्य सरकारों पर हमला बोल कर “अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते।”
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख मनोज तिवारी ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आप सरकार पर प्रभावी कदम नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए पार्टी शासित नगर निगमों को इस संबंध में काम करने को कहा। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने नवंबर के शुरुआती 10 दिनों के लिए सीपीसीबी की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है। इन अनुशंसाओं में एक से 10 नवंबर के बीच सभी तरह की निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने को कहा गया है, जिनसे निकलने वाली धूल से प्रदूषण होता है।
अधिकारियों ने पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) को नहीं अपनाने पर 113 उद्योगों को बंद करने का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल अनिल बैजल के नेतृत्व में हुई एक बैठक में अधिकारियों ने एलजी को बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ 1368 कारण बताओ नोटिस और 417 को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं।
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