दिल्ली सरकार Vs उप-राज्यपाल, जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 8 अहम बातें
दिल्ली पर प्रशासनिक अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जनमत का महत्व है और चुनी हुई सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही है।

दिल्ली पर प्रशासनिक अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जनमत का महत्व है और चुनी हुई सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को लेकर अपने फैसले में कहा कि उप-राज्यपाल और दिल्ली सरकार दोनों को मिलकर जनता के हित में कार्य करने की आवश्यकता हैं। आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र की बीजेपी सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार इसे अपनी-अपनी जीत बता रहे हैं।
आपको बता दे कि दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कि थी जिसमें हाईकोर्ट ने उप-राज्यपाल को प्रशासनिक प्रमुख बताया था।
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इस मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अहम बातें
1. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली के प्रशासक हैं, वो कैबिनेट की सलाह से काम करें। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जनमत का महत्तव है।
2. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अराजकता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार मिलकर काम करें।
3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान का पालन करना सबकी जिम्मेदारी है। उपराज्यपाल हर मामले को राष्ट्रपति के पास नहीं भेज सकते।
4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर फैसले के लिए उप-राज्यपाल की मंजूरी जरूरी नहीं है। जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के फैसले में एलजी बाधा नहीं डाल सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी एकेले फैसलना नहीं ले सकते। कुछ मामलों में केंद्र के सलाह के लिए जा सकते है।
5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद का कानून सबसे ऊपर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शक्ति को किसी एक जगह केंद्रित नहीं कर सकते।
6. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी मुद्दे को लेकर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच सहमति नहीं है तो उसे राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं।
7. पुलिस, जमीन और लॉ एंड आर्डर को छोड़कर दिल्ली विधानसभा बाकी मामलों को लेकर कानून बना सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली के प्रशासक है। इसलिए अन्य राज्यपालों से उनकी अलग स्थिति है।
8. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं जा सकता।
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