सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप पर बैन लगाने से किया इंकार
एनक्रिप्ट किए हुए मैसेज को फिलहाल सुपर कंप्यूटर भी नहीं तोड़ सकता है। इसे तोड़ने के लिए लगभग 100 साल लग सकते हैं

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[email protected]Created On: 29 Jun 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. सोशल मीडिया ऐप व्हाट्सएप पर बैन के लिए याचिका दायर की गई थी। ये याचिका हरियाणा के आरटीआइ कार्यकर्ता सुधीर यादव के द्वारा डाली गई थी। व्हाट्सएप पर बैन लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है।
सुधीर यादव ने कहा है कि व्हाट्सएप की 'एंड-टू-एंट एन्क्रिप्शन पॉलिसी' बड़ा खतरा बनकर उभरेगा इस पॉलिसी का इस्तेमाल आतंकवादी आसानी से कर सकते हैं।
क्या है एंड-टू-एंट एन्क्रिप्शन पॉलिसी
इस एन्क्रिप्शन के जरिए व्हाट्सएप से की गई चैटिंग को कोई भी कंपनी नही पढ़ सकती इतना ही नहीं यहां तक की व्हाट्सएप्प खुद भी आपके द्वारा किए गए मैसेज को नहीं पढ़ सकता। गौरतलब है की व्हाट्सएप्प ने 2016 के अप्रैल महीने से लोगों की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए एंड-टू-एंट एन्क्रिप्शन लागू की थी।
एंड-टू-एंट एन्क्रिप्शन पॉलिसी से क्यों है खतरा
याचिकाकर्ता सुधीर यादव का कहना है कि व्हाट्सएप्प आपको हर नए चैट के साथ एक एनक्रिप्ट करने का मैसेज भेजता है। जो कि हर मैसेज के बाद 256 बीट कोड में बदल जाता है। एन्क्रिप्शन लोगों के लिए सिक्योरिटी का सबसे अच्छा माध्यम है लेकिन इन्होने इस बात की भी पूरी संभावना जताई है कि आतंकवादियों के लिए यह सबसे सुरक्षित और गोपनीय नेटवर्क साबित हो सकता है, इसके जरिए आतंकवादी अपनी प्लानिंग और मैसेज के लिए इस सिक्योरिटी का आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।
क्या है एंड-टू-एंट एन्क्रिप्शन पॉलिसी
इस एन्क्रिप्शन के जरिए व्हाट्सएप से की गई चैटिंग को कोई भी कंपनी नही पढ़ सकती इतना ही नहीं यहां तक की व्हाट्सएप्प खुद भी आपके द्वारा किए गए मैसेज को नहीं पढ़ सकता। गौरतलब है की व्हाट्सएप्प ने 2016 के अप्रैल महीने से लोगों की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए एंड-टू-एंट एन्क्रिप्शन लागू की थी।
एंड-टू-एंट एन्क्रिप्शन पॉलिसी से क्यों है खतरा
याचिकाकर्ता सुधीर यादव का कहना है कि व्हाट्सएप्प आपको हर नए चैट के साथ एक एनक्रिप्ट करने का मैसेज भेजता है। जो कि हर मैसेज के बाद 256 बीट कोड में बदल जाता है। एन्क्रिप्शन लोगों के लिए सिक्योरिटी का सबसे अच्छा माध्यम है लेकिन इन्होने इस बात की भी पूरी संभावना जताई है कि आतंकवादियों के लिए यह सबसे सुरक्षित और गोपनीय नेटवर्क साबित हो सकता है, इसके जरिए आतंकवादी अपनी प्लानिंग और मैसेज के लिए इस सिक्योरिटी का आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।
क्योंकि उन्हे मालूम है कि उनके द्वारा भेजे हुए संदेश को कोई भी नहीं देख सकता। उन्होंने यह भी कहा कि एनक्रिप्ट किए हुए मैसेज को फिलहाल सुपर कंप्यूटर भी नहीं तोड़ सकता है। इसे तोड़ने के लिए लगभग 100 साल लग सकते हैं जो जो देश के लिए बड़ा खतरा बनकर सामने आएगा।
ट्राई ने नहीं दिया कोई जवाब
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक सुधीर यादव का कहना है कि उन्होने याचिका दायर करने से पहले भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई), संचार मंत्रालय और आइटी को पत्र लिखा था, लेकिन इस तरह के गंभीर मुद्दे पर उनका कोई जवाब नहीं मिला।
व्हाट्सएप के अलावा और भी ऐप का जिक्र
सुधीर यादव ने सिर्फ व्हाट्सएप के लिए याचिका दायर नही की बल्कि हाइक, सेक्योर चैट और वाइबर जैसे अन्य मैसेजिंग माध्यम भी इस तरह के एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी का इस्तेमाल कर रहें है, जो देश के लिए खतरा है।
ट्राई ने नहीं दिया कोई जवाब
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक सुधीर यादव का कहना है कि उन्होने याचिका दायर करने से पहले भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई), संचार मंत्रालय और आइटी को पत्र लिखा था, लेकिन इस तरह के गंभीर मुद्दे पर उनका कोई जवाब नहीं मिला।
व्हाट्सएप के अलावा और भी ऐप का जिक्र
सुधीर यादव ने सिर्फ व्हाट्सएप के लिए याचिका दायर नही की बल्कि हाइक, सेक्योर चैट और वाइबर जैसे अन्य मैसेजिंग माध्यम भी इस तरह के एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी का इस्तेमाल कर रहें है, जो देश के लिए खतरा है।
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