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इन 10 वजहों से एमसीडी में खिला ''कमल''

दिल्ली एमसीडी चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने बाजी मार ली है।

इन 10 वजहों से एमसीडी में खिला कमल
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उत्तर प्रदेश में बीजेपी की बंप्पर जीत के बाद अब दिल्ली एमसीडीके रूझानों से साफ हो गया है कि बीजेपी की ही पार्टी बनेगी। तो वहीं अरविंद केजरीवाल की पार्टी और कांग्रेस पार्टी पीछे रह गई है।

बीजेपी की जीत के पीछे पीएम मोदी के नाम का मैजिक सबसे बड़ा है। तो वहीं इस बार के चुनाव में आप को बहुमत और ना मिलने पर उनके लिए विधानसभा का भी खतरा खड़ा कर दिया है।

1. मोदी लहर- वैसे तो नगर निगम के चुनाव स्थानीय मुद्दों पर होता है एवं स्थानीय नेता ही इसका नेतृत्व करते हैं। पर इस चुनाव में ऐसा नहीं था। बीजेपी ने इस चुनाव को नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे रखकर लड़ा। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक एवं नोटबंदी से लोगों में मोदी के प्रति फिर से विश्वास जग गया है।

2. आम आदमी पार्टी में लोगों का विश्वास कम- जहां एक तरफ मोदी मैजिक दिल्ली वालों के सर चढ़ के बोला, वहीं केजरीवाल की लहर लगभग धूमिल हो गई। 2015 में जहां राजधानी के लोगों ने उनको दिल्ली का सरताज बना दिया था वहीं 2017 में उनको दरकिनार कर दिया। लगता है कि दिल्ली के लोगों को उनकी सरकार की कार्यशैली पसंद नहीं आई है। आम आदमी पार्टी भी अब एक आम पार्टी के जैसी हो गई है, इस कारण भी लोगों का मोहभंग हुआ।

3. नए चेहरों को टिकट देना- निगम चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने सभी पार्षदों के टिकट काटने की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया था। ये साहसिक फैसला बीजेपी पार्षदों के खिलाफ चल रही दस सालों की सत्ता विरोधी लहर को काटने के लिए लिया गया था। और टिकट हेरफेर से बीजेपी लगातार तीसरी बार जीतने में सफल हो गई।

4. कांग्रेस की अंद्धनी कलह- 2015 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत एक अंक में चला गया एवं एक भी सीट नहीं मिली। लगभग इसके सारे के सारे वोट आप में चले गए थे। नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस अपने खोये हुए जनाधार में से कुछ वापस पाने में सफल हो गई है। लेकिन अजय माकन के फैसलों से कुछ लोग खुश नहीं रहे। ये भी बहुमत कम लाने में एक कारण रहा।

5. मनोज तिवारी का काम- दिल्ली की पंजाबी बहुल राजनीति में पूर्वांचली चेहरा और नॉर्थ-ईस्ट सांसद मनोज तिवारी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाना भी एक बहुत बड़ा दांव था। ये किसी भी तरफ जा सकता था। लेकिन स्थानीय लोगों से तिवारी का मिलना। आम वोटर को अपनी तरफ करना एक बड़ा प्लान था।

6. पांच राज्यों में आए परिणाम- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा में मिली प्रचंड जीत ने माहौल बीजेपी की जीत में एक अहम योगदान रहा। अभी फिलहाल में राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में मिली बड़ी जीत ने उस लहर को और भी शक्ति दी। उस लहर ने परिणाम बीजेपी के पक्ष में मोड़ने में बहुत जयादा मदद की। इससे तय हो गया कि दिल्ली के लोगों के दिल में कौन सी पार्टी है।

7. महिलाओं को टिकट देना- इस बार बीजेपी ने ही नहीं आप और कांग्रेस ने यूपी की तरह चुनावी मैदान में सबसे ज्यादा महिलाओं को टिकट दिया। जिसने राजनीति में एक नए योग की शुरुआत की तरफ कदम बढ़ाया।

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