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20 साल के बिछड़े, फेसबुक पर आकर मिले

मैट्रिक की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के बाद हंसराज घर छोड़ कर चला गया।

20 साल के बिछड़े, फेसबुक पर आकर मिले
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नई दिल्ली. सोशल साईटों के प्रयोग ने दुनिया को बहुत ही छोटा बना दिया है। यह बात एक बार और सच साबित हुई है। फेसबुक ने 20 साल से बिछड़े दो भाईयों को मिलवा दिया है।
क्या है पूरा मामला
विजय नित्नावरे (48) प्रेस सूचना ब्यूरो के पुस्तकालय में काम करते हैं। उन्होंने अपने छोटे भाई हंसराज नित्नावरे को अंतिम बार मई,1996 में देखा था। छोटा भाई मैट्रिक की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया था। इसके बाद वह दबाव में था और बिना किसी को बताए घर छोड़ कर चला गया था। उस वक्त वह 15 साल का था।
पत्रिका के खबर के अनुसार विजय ने कहा कि उन्होंने हंसराज की गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। लेकिन, उन्हें तब आश्चर्य हुआ जब पंद्रह दिनों के बाद हंसराज की एक चिट्ठी मिली।
पत्र में हंसराज ने लिखा था, "कृपया मेरी तलाश न करें। मैं ठीक हूं और कुछ बड़ा करने के बाद ही लौटूंगा।"
विजय ने कहा कि वह यह जानकर बहुत खुश हुए थे कि उनका भाई जिंदा है। लेकिन, हंसराज को ढूंढने की उनकी उम्मीद थोड़ी धूमिल हो गई क्योंकि पत्र पर अंकित पिनकोड के अंतिम दो अंक स्पष्ट नहीं थे। इससे यह पता नहीं चल सका कि पत्र किस शहर से आया था।
इंटरनेट और सोशल मीडिया का सहारा
अपने छोटे भाई को खोजने के लिए विजय ने इंटरनेट और सोशल मीडिया साइट फेसबुक और ट्विटर का सहारा लिया। इस काम में मदद के लिए उन्होंने 2016 में फेसबुक से संपर्क किया।
विजय ने कहा कि फेसबुक को महाराष्ट्र के पुणे में हंसराज नामक का एक व्यक्ति मिला। संदेशों के जरिए उस व्यक्ति से संपर्क किया गया तो उसने विजय को अपने बड़े भाई के रूप में पहचानने से इनकार कर दिया। विजय ने कहा कि वह आश्वस्त थे कि पुणे वाला व्यक्ति ही उनका भाई है।
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