निर्भया के कातिल अपहरण और डकैती में भी शामिल
लड़की की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी।

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नई दिल्ली. सोलह दिसंबर के बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड में मृत्युदंड पाए चार मुजरिमों को गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने डकैती के एक अलग मामले में अपहरण एवं डकैती का दोषी ठहराया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह ने अक्षय कुमार सिंह, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को धाराएं 395 (डकैती) एवं 365 (गोपनीय एवं गलत ढंग से बंधक बनाने के इरादे से अपहरण या अगवा करना) समेत भादसं की विभिन्न धाराओं के तहत जुर्मों के लिए दोषी ठहराया।
न्यायाधीश ने कहा कि घोषित पृथक आदेश के जरिए आरोपी व्यक्ति उन सभी धाराओं में दोषी ठहराए जाते हैं जिनके लिए उनके विरूद्ध आरोप तय किए गए थे। सजा पर दलीलों के लिए इस मामले को दो सितंबर के लिए रखा जाए। फैसला सुनाये जाने के दौरान चारों मुजरिम अदालत में मौजूद थे।
एक किशोर समेत छह व्यक्तियों ने 16 दिसंबर, 2012 को एक चलती बस में 23 साल की एक लड़की से सामूहिक बलात्कार और उस पर नृशंस हमला करने से पहले एक बढ़ई के साथ मारपीट और लूटपाट की थी।
लड़की की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को निचली अदालत ने सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले में मृत्युदंड सुनाया था जिसपर बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुहर लगायी थी इन मुजरिमों की अपील फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
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