दिल्ली में नहीं दौड़ सकेंगे दस साल पुराने डीजल वाहन
एनजीटी ने दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए दस साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाई थी।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल 'एनजीटी' ने डीजल वाहनों पर पाबंदी को लेकर थोड़ी राहत दी है। दरअसल एनजीटी ने दिल्ली और एनसीआर में दस साल पुराने डीजल वाहनों पर अपने रोक के फैसले में बदलाव करते हुए तीन साल और चलाने की छूट दी है।
ये छूट पेट्रोलियम ट्रांसपोर्ट, जरूरी सामानों और पब्लिक अथॉरिटी के कार्यों के लिए दी गई है। बता दें कि एनजीटी ने कहा है कि दस साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को जरूरी कामों के लिए तीन साल और इस्तेमाल किया जा सकता है।
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लेकिन ये वाहन राजधानी दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा एनजीटी ने हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश राजस्थान, और हिमाचल प्रदेश से कहा है कि वे कम प्रदूषित और प्रदूषण मुक्त जिलों की पहचान करें
बता दें कि दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए दस साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाई थी। एनजीटी के आदेश के बाद बाद दिल्ली में पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन होने पर भी रोक लग गई थी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने एनजीटी से अपील की थी कि वह पुराने डीजल-पेट्रोल वाहनों पर रोक के आदेश में संशोधन करे, लेकिन एनजीटी ने कोई भी बदलने से इनकार कर दिया था।
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एनजीटी इससे पहले भी कई बार इस बारे में केंद्र को लताड़ चुकी है। एनजीटी ने 2015 में अपने अंतरिम आदेश में इन वाहनों पर रोक लगाई थी। एनजीटी के मुताबिक केंद्र इस मामले में कुछ करना नहीं चाहती।
एनजीटी इससे पहले भी कई बार इस बारे में केंद्र को लताड़ चुकी है। एनजीटी के मुताबिक केंद्र इस मामले में कुछ करना नहीं चाहती।
इससे पहले केंद्र सरकार ने एनजीटी में अपील की थी कि वह पुराने डीजल-पेट्रोल वाहनों पर रोक के आदेश में संशोधन करे, जिसे एनजीटी ने बदलने से इनकार कर दिया था। बता दें, एनजीटी ने 2015 में अपने अंतरिम आदेश में इन वाहनों पर रोक लगाई थी।
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