केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार को जमानत मिली
विशेष अदालत ने उन्हें एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है।

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haribhoomi.comCreated On: 26 July 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार को एक विशेष अदालत ने मंगलवार को जमानत दे दी है। राजेंद्र कुमार को चार जुलाई को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने उन्हें एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
अदालत ने जमानत देते हुए राजेंद्र कुमार को कहा है कि वह किसी गवाह से बात नहीं करेंगे और केस की जांच को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके साथ ही अदालत ने राजेंद्र कुमार के यात्रा करने पर रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि राजेंद्र अदालत से बिना इजाजत लिए दिल्ली से बाहर यात्रा नहीं कर सकते।
राजेंद्र कुमार केजरीवाल के करीबी अफसरों में से एक हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने 2007-2015 के दौरान दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभाग में तैनात रहते गलत तरीके से अपनी ही बनाई कुछ कंपनियों को ठेके दिए, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इन ठेकों की कुल कीमत करीब 50 करोड़ है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजेंद्र कुमार के अलावा इस मामले में छह अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। जुलाई में गिरफ्तारी से पहले दिसम्बर 2015 को जब सीबीआइ ने केजरीवाल के दफ्तर पर छापा मारा था। तब से केजरीवाल इस मामले को लेकर पीएम मोदी पर लगातार हमले कर रहे हैं।
केजरीवाल सरकार का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार दिल्ली सरकार के खिलाफ साजिश कर रही है। दिल्ली सरकार को निष्क्रिय बनाने के लिए केंद्र सरकार अफसरों को जान-बूझकर निशाना बना रही है।
अदालत ने जमानत देते हुए राजेंद्र कुमार को कहा है कि वह किसी गवाह से बात नहीं करेंगे और केस की जांच को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके साथ ही अदालत ने राजेंद्र कुमार के यात्रा करने पर रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि राजेंद्र अदालत से बिना इजाजत लिए दिल्ली से बाहर यात्रा नहीं कर सकते।
राजेंद्र कुमार केजरीवाल के करीबी अफसरों में से एक हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने 2007-2015 के दौरान दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभाग में तैनात रहते गलत तरीके से अपनी ही बनाई कुछ कंपनियों को ठेके दिए, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इन ठेकों की कुल कीमत करीब 50 करोड़ है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजेंद्र कुमार के अलावा इस मामले में छह अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। जुलाई में गिरफ्तारी से पहले दिसम्बर 2015 को जब सीबीआइ ने केजरीवाल के दफ्तर पर छापा मारा था। तब से केजरीवाल इस मामले को लेकर पीएम मोदी पर लगातार हमले कर रहे हैं।
केजरीवाल सरकार का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार दिल्ली सरकार के खिलाफ साजिश कर रही है। दिल्ली सरकार को निष्क्रिय बनाने के लिए केंद्र सरकार अफसरों को जान-बूझकर निशाना बना रही है।
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