कंपनियों को बिजली चोरी का आरोप लगाना पड़ेगा महंगाः केजरीवाल
सरकार उपभोक्ताओं को न्याय के साथ हरजाना दिलाने के पक्ष में है।

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haribhoomi.comCreated On: 27 July 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. बिजली कंपनियों को उपभोक्तओं पर झूठा बिजली चोरी का आरोप लगाना महंगा पड़ सकता है। यदि बिजली कंपनियां ऐसा करती है तो उसे जुर्माने का दस गुणा हरजाने के तौर पर उपभोक्ता को देना पड़ सकता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विद्युत विभाग को आदेश देते हुए कहा कि डीईआरसी द्वारा जारी किए गए निर्देश को तुरंत कार्यान्वयन करने की दिशा में काम किया जाए।
उन्होंने विभाग से क्रियान्वयन में देरी के बारे में पूछते हुए कहा कि डीईआरसी से इस दिशा में बात करके तेजी लाई जाए। सरकार झूठे बिजली चोरी मामले में लोगों को राहत देना चाहते हैं। इस संबंध में विभाग के अधिकारी ने बताया कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत शिकायतों की संख्या काफी ज्यादा आ रही है। जिसमें बिजली चोरी का आरोप लगाया जाता है। इस के अलावा बिजली चोरी से संबंधित सिविल और विशेष अदालतों में भी कई बार मामलों को खारिज किया जा रहा है।
सरकार उपभोक्ताओं को न्याय के साथ हरजाना दिलाने के पक्ष में है। उन्होंने बताया कि जारी हुए अधिसूचना के अनुसार डीईआरसी ने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बाद ही उन जगहों पर बिजली कंपनियां छापेमारी कर सकती है जहां बिजली दुरुपयोग के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि बिजली कंपनियों के छापेमारी के बाद सरकार के पास कई ऐसे शिकायतें आई है जिसमें पाया गया है कि कंपनियां उपभोक्ताओं को फंसाने के लिए झूठे मुकदमे कर देती है। ऐसी शिकायतें विधायकों के कार्यालय के माध्यम से भी विभाग को मिल रही है।
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