स्कूलों में लड़कों के लिए अनिवार्य हो सकती है ''होम साइंस'' की पढ़ाई
यदि यह प्रस्ताव पास हो गया तो लड़कों को भी पढ़नी पड़ेगी होम साइंस।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 24 July 2017 9:47 AM GMT
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से तैयार मसौदा प्रस्ताव को अगर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल जाती है तो स्कूलों में लड़कों के लिए गृह विज्ञान का अध्ययन अनिवार्य हो सकता है।
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मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, महिलाओं के लिए राष्ट्रीय नीति, 2017 मसौदा को हाल में मंत्रियों के एक समूह की मंजूरी मिली, जिसे मंत्रिमंडल भेजा गया है।
मसौदा नीति प्रस्तावित करता है कि मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के साथ साथ लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए गृहविज्ञान एवं शारीरिक शिक्षा अनिवार्य बनाकर स्कूलों के पाठ्यक्रम को फिर से डिजाइन करे।
इसमें कामकाजी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की भी मांग गई है और समान वेतन, सिर्फ महिलाओं के लिए संगठनों को कर में छूट, उद्योगों एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों के साथ साथ आवासीय परिसरों में डेकेयर केंद्र को अनिवार्य किये जाने का प्रस्ताव रखा गया है।
प्रस्ताव में विधवाओं एवं तलाशुदा महिलाओं को कर छूट की पेशकश की गई है। मसौदा नीति में स्कूल बसों के लिए महिला ड्राइवरों को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है, यह कदम ना केवल महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा बल्कि इससे स्कूली छात्रों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों में भी कमी आने की संभावना है।
करीब 15 साल के अंतराल के बाद इस नीति की संशोधित किया गया है। पिछली नीति वर्ष 2001 में आयी थी। शुरुआती मसौदा मई 2016 में आया था जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंत्रियों के समूह का गठन किया था जिसने इन बदलावों के बारे में सुझाव दिया।
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