बिजली कंपनियों के लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी में सरकार
सरकार की चेतावनी कि जल्द ही बिजली सप्लाई सुधारें कंपनियां

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haribhoomi.comCreated On: 20 Jun 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. 2002 में हुए बिजली के निजीकरण को लेकर आप सरकार आठ हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा रही है। सरकार का कहना है कि जब दिल्ली में पर्याप्त बिजली उपलब्ध है तो सप्लाई में समस्या क्यों आ रही है। सरकार का मानना है कि कंपनियों का सिस्टम ठीक नहीं है जिस कारण बिजली आपूर्ति में परेशानी आ रही है। सरकार का दावा है कि सरकार की कंपनी दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड का बीएसईएस की दोनों कंपनियों पर 2 हजार करोड़ से अधिक का बकाया है। वहीं बिजली कंपनियां दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीइआरसी) पर 16 हजार करोड़ की राशि रेगुलेटरी एसेट का होने का दावा कर रही हैं।
सूत्रों की माने तो सरकार इन कंपनियों का लाइसेंस निरस्त कर सकती है। इस दिशा में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। बता दे कि बीएसईएस की सप्लाई को देखते हुए कंपनी के चेयरमैन को दिल्ली सरकार ने बुलाया था। लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई जबाव नहीं आया है।
गौरतलब है कि करीब एक महीने पहले बिजली की समस्या को देखते हुए ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बिजली कंपनियों को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी थी कि जल्द ही बिजली सप्लाई में सुधार करें। साथ ही जुर्माने का प्रावधान भी किया था। बावजूद इसके बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड व बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड से अधिक शिकायतें मिल रही है।
इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों कंपनियों की सप्लाई में सुधार नहीं है। उनका कहना है कि इस दिशा में सरकार कठोर कदम उठा सकती है। संभावना है कि जल्द ही दोनों कंपनियों के लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। इन कंपनियों की जगह कोई और कंपनियां लाई जा सकती है।
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