डेंगू से सहमी सरकार, विधानसभा में प्रस्ताव लाकर तय होगी अस्पतालों की जबावदेही
जेपी नड्डा ने बताया कि पीड़ित या उनके परिजन को तुरंत आर्थिक सहायता देने पर भी विचार किया जाएगा।

नई दिल्ली. राजधानी में डेंगू के कहर से सहमी केंद्र व दिल्ली सरकार ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार जहां अस्पतालों पर नकेल कसने की तैयारी में जुट गई है वहीं दिल्ली सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर अस्पतालों की जबावदेही तय करेगी। दिल्ली में निजी अस्पतालों की लापरवाही के कारण मंगलवार को एक बच्चे की मौत हो गई। इससे पहले भी निजी अस्पतालों की लापरवाही के कारण सात वर्षीय अविनाश राउत की मौत हो गई थी। जिसके बाद उसके माता-पिता ने आत्महत्या कर ली थी।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक कर डेंगू के मरीजों को भर्ती न करने या उनसे अधिक पैसे वसूलने वाले निजी अस्पतालों पर कठोर कार्रवाई करने और सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है। वहीं दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक कर डेंगू पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। फिलहाल सत्र के लिए तारीख तय नहीं की गई है।
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इस बैठक के संबंध में अधिकारी ने बताया सत्र का उद्देश्य अस्पतालों को दंडित करना नहीं बल्कि उन्हें मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए प्रेरित करना है। इसके लिए निजी अस्पतालों पर भारी जुर्माना या अन्य की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि पीड़ित या उनके परिजन को तुरंत आर्थिक सहायता देने पर भी विचार किया जाएगा। साथ ही उन अधिकारियों या एजेंसियों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी जो नियम कानून को लागू करने में असफल रहेंगे। डेंगू के लिए सरकार ने 1031 नया हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
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