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दिल्ली में नकली सिक्कों का एक और मास्टरमाइंड गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि ये शख्स थाईलैंड का फोन नंबर इस्तेमाल कर रहा था

दिल्ली में नकली सिक्कों का एक और मास्टरमाइंड गिरफ्तार
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नई दिल्ली. एक ओर जहां सरकार कालेधन पर लगाम लगाने के लिए नए-नए रास्ते निकाल रही है तो वहीं देश में कुछ लोग इस कारोबार को और सिचने की कोशिश के जा रहे हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए ऐसे ही एक मास्टरमाइंड को पकड़ा है जो दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में नकली पांच और दस के सिक्कों का जाल बिछाए हुए था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने सोमवार रात को एक स्वीकार लथूरा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। उसपर आरोप है कि उसने दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में नकली सिक्कों की कई सारी टकसाल लगा रखी हैं।
पुलिस ने बताया कि इसे दिल्ली के उत्तम नगर से गिफ्तार किया गया। इसकी उम्र 39 साल है। पुलिस ने इस अपनी गाड़ी से कहीं जाते वक्त गिरफ्तार किया और कार की तलाथी के दौरान उसके पास से पांच और दस रुपए के नकली सिक्के भी मिले। जिनकी कीमत 17,390 रुपए है।
पुलिस ने बताया कि स्वीकार थाईलैंड का फोन नंबर इस्तेमाल कर रहा था। उसपर अपने एक साथी के मर्डर का भी आरोप है। स्वीकार का बड़ा भाई उपकार लथूरा भी उसके साथ इन कामों में लगा हुआ है। 44 साल का उपकार फिलहाल पुलिस से छिपा घूम रहा है।
पुलिस ने बताया कि दोनों भाई पुलिस को चकमा देने के लिए कभी भी एक जगह नहीं टिकते थे। वे लोग घर और गाड़ी बदलते रहते थे। इससे पहले पुलिस ने अक्टूबर में नकली सिक्कों के कारोबार में लगे दो लोगों को पकड़ा था। उनका नाम गुलशन और सचिन था। स्वीकार ने भी उन दोनों लोगों का जिक्र किया। स्वीकार ने बताया कि 1997 में उसका बड़ा भाई उपकार गुलशन से मिला था। स्वीकार के मुताबिक, गुलशन ने ही उपकार को नकली सिक्कों के कारोबार के बारे में बताया था जिसके बाद उन्होंने पांच के नकली सिक्के बनाने का काम शुरू किया।
पहले भी पडकड़े जा चुके हैं: 1999 में उपकार भी पकड़ा गया था। लेकिन तब उसने स्वीकार का नाम नहीं लिया था। बाद में उसे छोड़ दिया गया। लेकिन इस बीच दोनों भाई मिलकर नई-नई टकसाल लगाते रहे। नई टकसाल लगाने में स्वीकार और उपकार एक दूसरे की पूरी मदद करते थे। इसी बीच पैसों के लेन-देन के लिए बिहार के उनके साथी सतीश का मर्डर भी हुआ। 2011 में स्वीकार को भी पकड़ा गया था। लेकिन उसे भी बाद में छोड़ दिया गया था।
साभारः जनसत्ता
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