दिल्ली का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, फिर सांस लेना होगा मुश्किल
हवा में मौजूद प्रदूषित कणों का स्तर बेहद जानलेवा स्तर पर रिकॉर्ड हुआ है।

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haribhoomi.comCreated On: 25 Dec 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है। दिल्ली का प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में मौसम वैज्ञानिकों ने फिर से दिल्ली वासियों को चेतावनी दी है। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि कोहरा बढ़ने के कारण शनिवार को वातावरण में स्मॉग जैसी स्थिति दर्ज हुई। इससे हवा में मौजूद प्रदूषित कणों का स्तर बेहद जानलेवा स्तर पर रिकॉर्ड हुआ है।
पॉल्यूशन का ऐवरेज लेवल नॉर्मल से पांच गुना ज्यादा
एनबीटी की खबर के मुताबिक, मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि पॉल्यूशन के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है वातावरण में नमी की मात्रा का ज्यादा बढ़ना। कम रफ्तार से हवा चलने और इनमें मौजूद प्रदूषित कणों के नमी के साथ मिलने से स्मॉग जैसी स्थिति दर्ज हुई है। इससे पॉल्यूशन का ऐवरेज लेवल नॉर्मल से पांच गुना ज्यादा दर्ज हुआ है।
पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषित कण ज्यादा
मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ सायंसेज के प्रॉजेक्ट सफर में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषित कणों का ऐवरेज लेवल नॉर्मल से कई गुना ज्यादा दर्ज हुआ। शनिवार को पीएम 2.5 का ऐवरेज लेवल 337 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) दर्ज हुआ। पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 एमजीसीएम होता है। यह नॉर्मल से पांच गुना ज्यादा दर्ज हुआ।
प्रॉजेक्ट सफर
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक दिसंबर में पीएम 2.5 का स्तर इस सीजन में शनिवार को सबसे ज्यादा दर्ज हुआ है। पीएम 2.5 का स्तर 223 एमजीसीएम से ऊपर जाते ही यह बेहद खतरनाक कैटेगरी में चला जाता है। रविवार को भी पीएम 2.5 का लेवल खतरनाक कैटिगरी पर रहने के चांस हैं। प्रॉजेक्ट सफर के मुताबिक संडे के दिन पीएम 2.5 का लेवल 344 एमजीसीएम तक जा सकता है। वहीं सोमवार को पीएम 2.5 का स्तर 241 एमजीसीएम तक रहने की संभावना है।
सांस से जुड़ी बीमारी से लोगों को काफी दिक्कत
शनिवार को पीएम 10 प्रदूषित कणों का ऐवरेज लेवल 522 एमजीसीएम दर्ज हुआ। यह नॉर्मल से पांच गुना ज्यादा रहा। इसका नॉर्मल लेवल 100 एमजीसीएम होता है। प्रॉजेक्ट सफर के मुताबिक पीएम 10 का स्तर रविवार को 539 एमजीसीएम तक जाने की संभावना है। यह सोमवार को 422 एमजीसीएम तक रह सकता है।
मौसम के चेंज होने की वजह से पॉल्यूशन पर असर
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि पॉल्यूशन के बेहद खतरनाक कैटिगरी में जाने से सांस से जुड़ी बीमारी से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रदूषित कण शरीर में दाखिल हो जाते हैं। यह कण लोगों के लिए जानलेवा होते हैं। साथ ही मौसम के चेंज होने की वजह से पॉल्यूशन पर असर पड़ा है।
स्मॉग जैसी मौसम की स्थिति
कोहरा छाने के बाद कई जगहों पर स्मॉग जैसी मौसम की स्थिति दर्ज हुई। प्रदूषित कणों के साथ कोहरे में मौजूद नमी मिल गई। इससे पॉल्यूशन का लेवल बढ़ गया है। कम रफ्तार से हवा चलने की वजह से प्रदूषित कण ऊपर की तरफ और आगे मूव नहीं हो पाए। एनवायरनमेंट में एक ही जगह ठहरने पर प्रदूषित कणों का स्तर बढ़ गया। प्रॉजेक्ट सफर के कई पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशनों में पीएम 2.5 और पीएम 10 की इंडेक्स वैल्यू बेहद खतरनाक स्तर पर दर्ज हुई।
दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी के पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशनों में भी पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषित कणों का स्तर नॉर्मल से कई गुना ज्यादा दर्ज हुआ।
पॉल्यूशन मीटर
द्वारका - 429
मंदिर मार्ग - 476
आनंद विहार - 490
आरकेपुरम - 465
पंजाबी बाग - 479
आईटीओ - 484
डीटीयू - 493
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