एम्स के तर्ज पर होंगे पांच एमएस, सुधरेंगे दिल्ली के अस्पताल-बेहतर होगा इलाज
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि अस्पतालों में प्रशासनिक सुधार के लिए कई बदलाव किए गए हैं।

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नई दिल्ली. मरीजों के उपचार में आने वाले व्यवहारिक समस्या को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में अखिल भारतीय आयरुविज्ञान संस्थान (एम्स) के मॉडल को लागू करने का निर्णय लिया है।
मॉडल के तहत हजार बेड से अधिक वाले अस्पतालों में चार से पांच मेडिकल सुप्रीटेंडेंट (एमएस) होंगे जबकि 100-250 अस्पतालों में एमएस की संख्या दो से तीन होगी। इन एमएस के ऊपर एक मेडिकल डायरेक्टर लगाया जाएगा। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि अस्पतालों में प्रशासनिक सुधार के लिए कई बदलाव किए गए हैं।
अभी तक अधिकतर मरीजों के बारे में एमएस के पास जानकारी ही नहीं होती थी, इसे सुधारने के लिए बड़े अस्पतालों में एमएस की संख्या बढ़ाई जा रही है। इन्हें विभाग के आधार पर नियुक्ति किया जाएगा। साथ उक्त विभाग से जुड़े हर घटना के लिए वह एमएस जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश आपात सेवाओं को सुधारना है। इस कोशिश के तहत जीटीबी अस्पताल में पांच एमएस बनाए गए हैं। इसके अलावा मेडिकल डायरेक्टर लगाया गया है। एलएमएस अस्पताल में पांच एमएस होंगे।
डीटीयू व अंबेडकर अस्पताल में चार-चार एमएस इनके ऊपर एक मेडिकल डायरेक्टर होगा। वहीं भगवान महावीर अस्पताल में दो एमएस बनाए गए हैं। इसमें से एक को वरिष्ठ कर वित्तीय शक्तियां दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एमएस पर कम मरीजों व बोझ होने के बाद वह बेहतर ढंग से स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था करवा पाएगा।
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