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अधिकारों पर हारी केजरीवाल सरकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार की दलील को बताया ''आधारहीन''

अधिकारों पर हारी केजरीवाल सरकार
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नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल सरकार को एक तगड़ा झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि उप राज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रशासनिक प्रमुख हैं और आप सरकार की यह दलील कि उप राज्यपाल को मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करना चाहिए, आधारहीन है। यह निर्णय उप राज्यपाल नजीब जंग और केजरीवाल सरकार के बीच पिछले कई महीनों से जारी इस रस्साकशी के बाद सामने आया है कि दिल्ली की बागडोर किसके हाथ में है।
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायाधीश जयंत नाथ ने केन्द्र द्वारा 21 मई 2015 को जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली आप सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। केन्द्र ने अधिसूचना में राष्ट्रीय राजधानी में उप राज्यपाल को नौकरशाहों की नियुक्ति की पूर्ण शक्तियां प्रदान की थी। अदालत ने पिछले साल सत्ता में आने के बाद केजरीवाल द्वारा जारी कई अधिसूचनाओं को भी खारिज करते हुए कहा कि यह अवैध हैं क्योंकि इन्हें उप राज्यपाल की सहमति के बिना जारी किया गया है।
194 पेज के अपने निर्णय में खंडपीठ ने कहा कि आप सरकार की यह दलील कि उप राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता पर काम करने के लिए बाध्य हैं आधारहीन है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। फैसला सुनाए जाने के बाद दिल्ली सरकार के वरिष्ठ स्थाई वकील राहुल मेहरा ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में तत्काल एक विशेष अनुमति याचिका दायर करेंगे।
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को कमतर नहीं आंका जा सकता। यह वर्चस्व की नहीं, लोकतंत्र की लड़ाई है। उच्च न्यायालय ने कहा कि उप राज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रशासनिक प्रमुख हैं और आम आदमी पार्टी सरकार की इस दलील में कोई दम नहीं है कि वह मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य हैं। उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच महीनों से चल रही खींचतान के बाद यह फैसला आया है।
अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे। मंत्री ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार जब से सत्ता में आई है केन्द्र सरकार उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से रोक रही है। फैसले का प्रारंभिक आकलन यह बताता है कि इसने संविधान में मंत्रिपरिषद को दी गई शक्तियों को कमतर किया है।
खास बातें
-दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार की दलील को बताया 'आधारहीन'
-जंग बोले उच्च न्यायालय का फैसला किसी की भी हार या जीत नहीं
-केजरी और जंग की रस्साकसी के बाद आया निर्णय
-केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका
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