प्रतिबंधित नक्सली संगठन के स्वयंभू जोनल कमांडर ने किया सरेंडर, सिर पर था दस लाख रुपए का इनाम
प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आफ इंडिया के दस लाख रुपये के इनामी स्वयंभू जोनल कमांडर कारगिल यादव उर्फ धनेश्वर यादव ने आज यहां शीर्ष पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया और पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण की नीति के तहत पुनर्वास के लिए दस लाख रुपये का चेक प्रदान किया।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 1 Sep 2018 1:08 AM GMT
प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आफ इंडिया के दस लाख रुपये के इनामी स्वयंभू जोनल कमांडर कारगिल यादव उर्फ धनेश्वर यादव ने आज यहां शीर्ष पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया और पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण की नीति के तहत पुनर्वास के लिए दस लाख रुपये का चेक प्रदान किया।
रांची के पुलिस उपमहानिरीक्षक एवी होमकर ने आज यहां बताया कि धनेश्वर ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उपमहानिरीक्षक मनीष सच्चर, रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता तथा उनके समक्ष यहां आत्मसमर्पण किया। वह दर्जनों आपराधिक मामलों में शामिल था।
पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण की नयी दिशा नीति के तहत समर्पण के दौरान ही दस लाख रुपये का चेक प्रदान किया और नीति के तहत मिलने वाले सभी लाभों को देने की घोषणा की।
होमकर ने बताया कि धनेश्वर यादव 1999 से ही भाकपा :माओेवादीः संगठन में सक्रिय था और फिर जब पीएलएफआई का गठन हुआ तो उसका कमांडर बनकर उसमें शामिल हो गया।
उन्होंने बताया कि 2017-18 के दौरान सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में राज्य में 11 नक्सलियों को ढ़ेर किया जबकि इसी दौरान 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और अनेक को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया।
उन्होंने दावा किया कि राज्य पुलिस यहां से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और उस दिशा में तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
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