झीरमघाटी कांड की जांच करने के लिए गठित SIT की पहली बैठक
झीरमकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी की शनिवार को पहली बैठक हुई। एसआईटी चीफ और बस्तर रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बैठक ली, जिसमें केस की एनआईए से जांच के दस्तावेज मिलने के बाद इन्वेस्टिगेशन का फैसला लिया गया।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 6 Jan 2019 5:32 AM GMT
झीरमकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी की शनिवार को पहली बैठक हुई। एसआईटी चीफ और बस्तर रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बैठक ली, जिसमें केस की एनआईए से जांच के दस्तावेज मिलने के बाद इन्वेस्टिगेशन का फैसला लिया गया।
इस दौरान एसआईटी के सदस्य डीआईजी एसआईबी पी. सुंदरराज, एमएल कोटवानी, गायत्री सिंह, आशीष शुक्ला, प्रेमलाल साहू और एनएन चतुर्वेदी मौजूद थे।
दरअसल डीजीपी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी से झीरम कांड जांच के सभी दस्तावेज मांगने पत्र लिखा है। अब वहां से दस्तावेजों के आने के बाद एसआईटी उन सभी बिन्दुओं पर जांच करेगी, जो एनआईए की जांच में छूट गए थे।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरमकांड की जांच एसआईटी से कराने की घोषणा की थी। इसके बाद 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया।
ये था मामला
वर्ष 2013 में बस्तर के झीरमघाटी में माओवादी हमले के दौरान तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल समेत कांग्रेस के 29 नेताओं की हत्या कर दी गई थी।
तत्कालिक भाजपा सरकार ने इसकी जांच एनआईए को सौंपी थी। कांग्रेस पार्टी इस नरसंहार को राजनीतिक हत्या बताते हुए एनआईए की जांच से संतुष्ट नहीं थी।
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