राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने सीएम भूपेश बघेल को ख़त लिखकर किया निवेदन- गुजरात में फंसे हैं छत्तीसगढ़ के 100 मजदूर, खाने के लाले, संज्ञान लें...
राज्यसभा सांसद व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम ने सीएम भूपेश बघेल को ख़त लिखा है. रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ख़त लिखकर जानकारी दी है कि लॉकडाउन के कारण गुजरात के भरूच में छत्तीसगढ़ के 100 मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों को भूखे रहने की स्थिति निर्मित हो गई है.

रायपुर. राज्यसभा सांसद व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम ने सीएम भूपेश बघेल को ख़त लिखा है. रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ख़त लिखकर जानकारी दी है कि लॉकडाउन के कारण गुजरात के भरूच में छत्तीसगढ़ के 100 मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों को भूखे रहने की स्थिति निर्मित हो गई है. राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने सीएम भूपेश बघेल से निवेदन किया है कि मजदूरों को भरूच में ही उचित देखभाल की व्यवस्था करें या छत्तीसगढ़ वापस लाने की उचित प्रबंध करें.
रामविचार नेताम ने अपने ख़त में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में निवास करने वाले ग्राम धनौली, बरवाही, इंद्रावतीपुर सिलाजू, पचावल, त्रिशूली, लोधा, चंद्रनगर से लगभग 100 मजदूर वर्तमान में लेबर कॉलोनी दहेज जिला भरूच गुजरात में कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है. उपरोक्त मजदूरों के पास राशन सामग्री व अन्य मूलभूत सुविधा न मिलने के कारण भूखे रहने की स्थिति निर्मित हो गई है.
रामविचार नेताम ने अपने ख़त में आगे लिखा है कि कृपया सहानुभूति पूर्वक विचार कर उपरोक्त मजदूरों को छत्तीसगढ़ राज्य उनके निवास ग्राम वापस भेजने अथवा गुजरात राज्य में ही उन्हें वर्तमान निवास वाले स्थान पर आवश्यक राशन सामग्री खाने पीने की व्यवस्था एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आवश्यक कार्यवाही निर्देशित करने का कष्ट करेंगे. बता दें कि राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने गुजरात के सीएम विजय रूपाणी को भी ख़त लिखकर छत्तीसगढ़ के मजदूरों की मदद करने का आग्रह किया है.
इधर कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने भाजपा राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम जी द्वारा पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ध्यान गुजरात के भरूच में फंसे हुए 100 मजदूरों की तरफ आकृष्ट कराने के लिए धन्यवाद दिया है. लेकिन साथ ही कई प्रश्न भी खड़े किए हैं. आरपी सिंह ने रामविचार नेताम से पूछा है कि देश के प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा था और केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा जो एडवाइजरी जारी हुई है उसमें भी यह कहा गया है कि जो मजदूर जहां हैं वह वहीं पर रहें और संबंधित राज्य सरकारें उनके रहने व खाने का इंतजाम करें. गुजरात तो भाजपा शासित राज्य है. क्या गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री की सलाह को नहीं मान रहे हैं या फिर रामविचार नेताम को अपनी ही पार्टी के गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी रूपाणी के ऊपर कोई भरोसा नहीं है?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रामविचार नेताम का पत्र लिखना और मजदूरों की सहायता के लिए आग्रह करना यह बताता है कि अब भाजपा के ही सांसदों को अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री और अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री पर कोई भरोसा नहीं रहा. हम रामविचार नेताम को आश्वस्त करना चाहते हैं कि पूरे देश में जहां-जहां भी छत्तीसगढ़ के मजदूर भाई-बहन फंसे हुए हैं उनकी हर संभव मदद छत्तीसगढ़ की सरकार कर रही है. चाहे मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ का कानपुर का हो या फिर किसी अन्य जगह का.