बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव सब्जी बाजारों पर पड़ा, व्यापारी जमकर कर रहे मुनाफाखोरी
हाल ही में हुई बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव सब्जी बाजारों पर पड़ा है। जुलाई माह की तुलना में दोगुने से ज्यादा सब्जियों के दाम पहुंच गए हैं। हालांकि सब्जियों का आपूर्ति प्रभावित होने से व्यापारी जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं।

जबलपुर। हाल ही में हुई बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव सब्जी बाजारों पर पड़ा है। जुलाई माह की तुलना में दोगुने से ज्यादा सब्जियों के दाम पहुंच गए हैं। हालांकि सब्जियों का आपूर्ति प्रभावित होने से व्यापारी जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। गौरतलब है कि बाजार में अभी भी सब्जियों की नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे में गरीबों की थाली से सब्जियां गायब हो गई हैं। नियमित सब्जियां लौकी, गिलकी, परवल, करेला, लाल भाजी, पालक के भाव आसमान छू रहे हैं।
जून में सस्ती थी प्याज
मंडी में प्याज के दाम 20 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। जून माह में प्याज 6-7 रुपए किलो बिक रही थी। जिन लोगों ने प्याज का स्टाक किया था उन्हें विशेष फर्क नहीं पड़ा है। व्यापारियों का कहना है कि दो माह तक प्याज के दाम नियंत्रित नहीं हो पाएंगे। अक्टूबर के बाद नई प्याज आने के बाद ही दाम में गिरावट आएगी। 15 रुपए किलो बिकने वाला आलू भी 20 रुपए तक पहुंच गया है। बाजार में सबसे ज्यादा महंगी धनिया है, 100 रुपए किलो में भी धनिया साफ नहीं निकल रही है।
टमाटर भी हुआ महंगा
आम तौर पर टमाटर के रेट नियंत्रित ही रहते हैं। बाजार में आपूर्ति तेज होने पर 10 रुपए किलो तक रेट हो जाते हैं। अभी बाहर के राज्यों से टमाटर की खपत कम हुई है व्यापारियों ने बताया कि टमाटर की आवक दूसरे शहरों से होती है। व्यापारियों को 25 किलो की कैरेट 400 रुपए में मिली है। हालांकि व्यापारियों ने यह भी बताया कि बारिश का पानी खेत में भरने से टमाटर की फसल सड़ गई है।
सप्लाई कम हो रही
आलू प्याज के विक्रेता मो. अयाज ने बताया कि यूपी व छग से आलू-प्याज की बिक्री होती है। अभी प्रतिदिन 8-10 ट्रक ही पहुंच रहे हैं। जबकि सामान्य दिनों में 20-25 ट्रक की खपत पूरे जिले में होती है। बारिश के कारण दूसरे राज्यों से सब्जियां नहीं पहुंच रही हैं।
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