CG: कंगाली की कगार पर कलाकार, कोरोना ने छीना हजारों हाथों से रोजगार
संगीतकारों और गायकों के शो हुए रद्द, अधिकतर के पास आमदनी का कोई और जरिया नहीं, कमाई का मुख्य महीना होता है अप्रैल-मई, नुकसान की भरपाई का विकल्प भी नहीं। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। कोरोना के कारण सामूहिक आयोजनों, शादियों और पार्टियों में लगे प्रतिबंध ने प्रदेश के 25 से 30 हजार कलाकारों से उनकी कमाई का एकमात्र जरिया छीन लिया है। अप्रैल और मई में होने वाली शादियों के लिए पहले से हुई बुकिंग रद्द कर दी गई हैं। आने वाले कुछ महीनों में भी बड़े आयोजन की अनुमति शासन द्वारा मिलने की कोई संभावना नहीं है।
हॉलीडे म्यूजिकल इवेंट के सुंदर राव ने बताया, उनकी टीम में 12 लोग हैं, जो गिटार, की-बोर्ड, ढोलक तथा अन्य वाद्य यंत्र बजाते हैं। एक शो के 25 से 30 हजार मिलते हैं। लॉकडाउन के कारण 20 से 25 बुकिंग रद्द हुई है। यदि लॉकडाउन ना हुआ होता तो इतनी ही बुकिंग और मिल गई होती।
अप्रैल-मई में इवेंट अधिक होने के कारण कमाई के लिए यह महीना महत्वपूर्ण होता है। इन महीनों में हुई नुकसान की भरपाई किस तरह से हो सकेगी, इसे लेकर सभी परेशान हैं। भिलाई के जश्न म्यूजिकल इवेंट के श्रीनिवास ने बताया, उनके 25 शो कैंसिल हुए हैं। टीम में 12 सदस्य हैं। हमने अपनी पूरी जिंदगी इसके लिए दी है। आय का अन्य स्त्रोत नहीं है। सरकार कई वर्ग की मदद कर रही है, लेकिन हम किसी वर्ग में आते हैं, यह ही निर्धारित नहीं है।
बड़े ग्रुप लेते हैं 20 से 30 हजार :- प्रदेश में जिन ग्रुप का नाम अधिक है, वे एक पार्टी का 20 से 30 हजार रुपए तक चार्ज करते हैं। इसके अलावा अपेक्षाकृत छोटे ग्रुप एक आयोजन में अपनी प्रस्तुति देने के लिए 5 से 20 हजार तक लेते हैं। टीम की मांग और परफॉर्मेंस के आधार पर उनके चार्ज निर्धारित होते हैं। सभी छोटे-बड़े ग्रुप के सदस्यों को मिलाकर लगभग 30 हजार कलाकार पूरे प्रदेश में हैं, जो इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। उनके पास आमदनी का कोई और साधन नहीं है। संगीत क्षेत्र से जुड़े होने के कारण उनकी योग्यताएं भी इस क्षेद्ध से ही संबंधित हैं। इसलिए अन्य क्षेत्रों में रोजगार तलाश करना भी उनके लिए संभव नहीं है।
सरकार से मदद की उम्मीद :- रंगीला म्यूजिकल इवेंट के जैनुल हक की टीम में 5 सदस्य हैं। वे पंजाबी म्यूजिक की प्रस्तुति शादियों में देते हैं। एक इवेंट की शुरुआती चार्ज 25 हजार है। वे कहते हैं, हमने हमेशा ईमानदारी से लोगों का मनोरजंन किया है। इस तरह की स्थिति की कभी कल्पना हमने नहीं की थी। समस्याओं को देखते हुए हमने एक समूह बनाया है, जिसके द्वारा सरकार से मदद की गुहार लगाई गई है। हालांकि अब तक किसी भी तरह की कोई राहत नहीं मिली है। हम चाहते हैं कि हमारी भी स्थिति पर सरकार द्वारा ध्यान दिया जाए।