छत्तीसगढ़ चुनाव 2018 नतीजे / करना होगा लंबा इंतजार, देर शाम तक साफ होगी तस्वीर
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के लिए 11 दिसंबर को होने वाली वोटों की गिनती के दौरान इस बार अंतिम नतीजे आने में कुछ घंटों की देरी हो सकती है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के लिए 11 दिसंबर को होने वाली वोटों की गिनती के दौरान इस बार अंतिम नतीजा आने में कुछ घंटों की देरी हो सकती है। परिणाम जानने के लिए बेताब प्रत्याशियों, राजनीतिक दलों से लेकर आम लोगों तक को पिछले चुनावों के मुकाबले अधिक समय इंतजार करना पड़ेगा।
इसकी वजह ये कि इस बार छत्तीसगढ़ में मतों की गिनती एक-एक राउंड में अलग अलग होने वाली है। एक राउंड में पहले करीब आधा घंटा लगता था, लेकिन अब पौन घंटा या अधिक समय लग सकता है। ऐसे में हर राउंड पर 20 या अधिक मिनट ज्यादा लगेंगे।
न्यूनतम 14 राउंड की गिनती होने पर पर कुल मिलाकर पूरे वोटों की गिनती में लगभग 8 से 10 घंटे लग सकते हैं। सुबह 8 बजे से गिनती शुरू होने पर शाम पांच से छह बजे तक परिणाम सामने आने की संभावना है।
निर्वाचन विभाग के अनुसार इस बार वोटों की गिनती के लिए जो प्रक्रिया तय की गई है वह पिछले चुनावों से पूरी तरह अलग है। इस बार सभी विधानसभा सीटों के मतों की गिनती के लिए 14 टेबिल लगाए जाएंगे।
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छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक कवर्धा विधानसभा में गिनती 30 राउंड में होगी, सबसे कम 11 राउंड मनेंद्रगढ़ विधानसभा में होंगे। अन्य क्षेत्रों में मतों की संख्या के हिसाब से राउंड होंगे। डाक मतपत्रों की गिनती के बाद पहले राउंड की गिनती जब शुरू होगी तो ईवीएम मतगणना टेबिल पर लाकर रखी जाएगी। यहां से पहले राउंड के वोटों की गिनती शुरू होगी। पोलिंग एजेंटों को सभी प्रत्याशियों को मिले वोटों की जानकारी दी जाएगी।
यह जानकारी आने के बाद पोलिंग एजेंटों को आंकड़ों पर सहमति अथवा आपत्ति के व्यक्त करने के लिए समय दिया जाएगा। कोई आपत्ति होने पर उसका निराकरण होने के बाद चुनाव निर्वाचन अधिकारी पहले राउंड का परिणाम घोषित करेंगे। इसके बाद पहले राउंड की ईवीएम वापस स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी जाएगी।
इसके बाद दूसरे राउंड की ईवीएम निकाली जाएगी। इस बार भी पहले राउंड की तरह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसी प्रकार एक-एक करके सभी राउंड पूरे किए जाएंगे। अंतिम राउंड की गिनती पूरी होने के बाद एक बार फिर सभी राउंड के वोटों की गिनती करने के बाद अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे। इसके बाद विजयी प्रत्याशियों को वहीं पर प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार गुरूवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों की बैठक ली थी। इस दौरान भी मतों की गिनती के लिए इसी प्रकार की प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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आधा से पौन घंटे में एक राउंड
छत्तीसगढ़ में कई साल से राजनीति से जुड़े तथा पिछले दो चुनाव में मतगणना एजेंट रह चुके एक नेता का कहना है कि वे 2009 व 2013 के चुनाव में एजेंट के रूप में अपने अनभुव से कह सकते हैं कि पहले करीब 30 मिनट में एक राउंड पूरा होता था,लेकिन बदली हुई प्रक्रिया में अधिक समय लगना तय है। जाहिर है इस बार परिणाम पिछले वर्षों के मुकाबले देरी से आएंगे।
मोबाइल पर भी रहेगी लगाम
मतों की गिनती के दौरान इस बार गणना स्थल पर मोबाइल फोन के साथ प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। काउंटिंग एजेंट या निर्वाचन से जुड़े अफसर कर्मी भी मोबाईल का उपयोग नहीं कर पाएंगे। केवल जिला निर्वाचन अधिकारी,या सहायक निर्वाचन अधिकारी एक सीमित दायरे में रहकर मोबाइल का उपयोग कर पाएंगे। गिनती के दौरान मीडिया कर्मी मौजूद रहेंगे, लेकिन गिनती के टेबलों के आसपास तक वे भी मोबाइल नहीं ले जा पाएंगे। मीडिया कर्मियों को केवल मीडिया सेंटर तक ही मोबाइल ले जाने की छूट होगी।
मतगणना स्थल पर भी रहेंगे ये प्रतिबंध
वोटों की गिनती के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था,गड़बड़ी न होने देने के लिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है। वोटों की गिनती के दौरान प्रत्याशियों के एजेंट के रूप में ऐेसे व्यक्ति रखे जाएंगे जो किसी भी रूप में निर्वाचित पदाधिकारियों को नहीं रखा जाएगा। इसके तहत कोई सांसद, विधायक, मंत्री, पार्षद, पंच सरपंच आदि भी एजेंट के रूप में गणना स्थल पर नहीं जा सकेंगे। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि गणना स्थल पर प्रत्याशी केवल उसी क्षेत्र में जा सकेंगे जहां उनके विधानसभा क्षेत्र के वोटों की गिनती होगी।
ईवीएम पर विश्वास बनाए रखने की कवायद
उच्च पदस्थ जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बार मतगणना के दौरान अतिरिक्त सावधानी व सतर्कता इसलिए बरती जा रही है ताकि ईवीएम की विश्वसनीयता बरकरार रहे। दरअसल राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली से लेकर शिकायतों तक के मामले व ईवीएम की विश्वसीनयता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच ये चुनाव हो रहे हैं।
ऐसे में आयोग की कोशिश होगी कि चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से हो तथा ईवीएम की विश्वसनीयता बनी रहे। खास बात ये है कि इस बार वोटों की गिनती के दौरान हर राउंड की गिनती अलग-अलग करने संबंधी व्यवस्था कांग्रेस की मांग पर बनी है।
कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग से इस बारे में मांगी की थी। आयोग ने पार्टी के आग्रह को माना है। आयोग की हाल ही में हुई वीडियो कांफ्रेस में भी राज्यों के सीईओ को इस बारे में साफ निर्देश दिए गए हैं।
टाइमिंग का ठीक अनुमान मुश्किल
इस बार सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी, लेकिन अभी ये साफ नहीं है कि किस राउंड़ में कितना समय लग सकता है। समय का अनुमान इसलिए कठिन है क्योंकि हर स्थान पर अलग-अलग हालात होते हैं। सबसे पहले डाक मतपत्र गिने जाएंगे,इसके तीस मिनट बाद ईवीएम में दर्ज मतों की गणना होगी। (सुब्रत साहू,मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़)
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