डॉ रमन बोले-चंदूलाल चंद्राकर बहुत सम्मानीय, लेकिन नाम बदलने की परंपरा उचित नहीं
कुशाभाऊ ठाकरे के नाम को हटाकर पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय को चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर किए जाने के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री ने दी अपनी राय। पढ़िए पूरी खबर-

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रायपुर। विधानसभा की आज हुई कार्यवाही को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि गिलोटिन से बजट पारित कराने के लिए विपक्ष पहले से ही तैयार था। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस पर विपक्ष की आपत्ति बिल्कुल नहीं है, लेकिन अचानक कई विधेयकों को अनुकूल अनुपूरक कार्य सूची के माध्यम से लाया गया, इस पर हमने विरोध जताया और सदन से बहिर्गमन किया।
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदलकर उसे चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर किए जाने लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में यह परंपरा ठीक नहीं है। चंदूलाल चंद्राकर बहुत वरिष्ठ नेता रहे हैं। केंद्र में मंत्री रहे हैं। बड़े पत्रकार रहे हैं। हम सभी उनका सम्मान करते हैं। किसी नई संस्था का निर्माण कर उनके नाम से नामकरण कर दिया जाना चाहिए था, नाम बदलने की परंपरा उचित नहीं हैं।
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