पर्यटन मंडल के जिम्मेदारों को भी नहीं पता कब हुआ भोजली रिसोर्ट बंद
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल का माना-तूता में करोड़ों की लागत से बनाया गया भोजली रिसोर्ट इन दिनों वीरान पड़ा है। पर्यटकों के लिए हरे-भरे पेड़ पौधों के बीच जिन 11 वातानुकूलित कॉटेज को बड़े जतन से आकर्षक बनाया गया था, वहां अब सन्नाटा पसरा है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, रायपुरCreated On: 9 Aug 2018 9:30 PM GMT
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल का माना-तूता में करोड़ों की लागत से बनाया गया भोजली रिसोर्ट इन दिनों वीरान पड़ा है। पर्यटकों के लिए हरे-भरे पेड़ पौधों के बीच जिन 11 वातानुकूलित कॉटेज को बड़े जतन से आकर्षक बनाया गया था, वहां अब सन्नाटा पसरा है।
पांच एकड़ में विकसित भोजली रिसोर्ट से लगे रेस्टारेंट का दो साल से ताला नहीं खुला। इंदौर के जिस ठेकेदार को रिसोर्ट चलाने पांच साल के लिए पर्यटन मंडल ने एग्रीमेंट पर दिया, वह ठेकेदार तीन साल रिसोर्ट संचालित कर ठेका बीच में ही छोड़कर चला गया। हालत ये है, खाली पड़े भोजली रिसोर्ट के लिए पर्यटन मंडल को अब फिर से टेंडर करना पड़ रहा है।
पांच एकड़ में विकसित भोजली रिसोर्ट के बारे में अधिकारियों ने बताया, यहां बाहर से आने वाले पर्यटकों के ठहरने के लिए सर्वसुविधा युक्त 11 काटेज बनाए गए हैं। जिसमें एयरकंडीशंड कक्ष के साथ रंगीन टीवी, गरम और ठंडा पानी चौबीसों घंटे देने की सुविधा के अलावा हर कक्ष में अलग से फोन की सुविधा है। एयरपोर्ट से नजदीक होने के चलते पर्यटकों की सुविधा के लिए हाइवे मोटल के रूप में इसे पर्यटन मंडल ने ठेके पर दिया। पहले पांच साल के लिए एग्रीमेंट का प्रावधान था, पर अब नए टेंडर में 20 साल के एग्रीमेंट पर भोजली रिसोर्ट ठेके पर दिया जाएगा। शुरू में दस साल के लिए यह अनुबंध होगा, इसके बाद 10 साल की समयावधि और बढ़ाई जाएगी।
इंदौर से बुलाए थे स्पेशल कुक
शानदार रिसोर्ट में विजिटर्स की खातिरदारी के लिए अनुबंधित कंपनी ने इंदौर से स्पेशल कुक बुलाए थे। ताकि मेहमाननवाजी में कोई कमी ना रहे और विजिटर्स को उनके पसंद का स्वादिष्ट खाना रेस्टारेंट में मिल सके। पर पर्यटकों की कमी के चलते स्पेशल कुक को कुछ दिन बाद ही वापस भेजना पड़ा।
अब 95 एकड़ के लिए मास्टर प्लान
भोजली रिसोर्ट से लगे 95 एकड़ खाली जमीन के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल अब मास्टर प्लान बना रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है, 100 एकड़ के इस एरिया में टूरिज्म फेसलिटी विकसित करेंगे। ताकि पर्यटकों के लिए सुविधा बढ़ाई जा सके। विदित हो वर्तमान में केवल पांच एकड़ एरिया में ही भोजली रिसोर्ट विकसित किया गया है।
माली न चौकीदार, सूख रहे पौधे
सरकारी रिसोर्ट में विजिटर्स को लुभाने हरे-भरे पौधे लगाए गए थे, उसकी देखभाल करने कैम्पस में न माली है, न चौकीदार। इसकी वजह से कई पौधे सूखने लगे हैं। दो साल से वीरान पड़े रिसोर्ट की दीवारों पर धब्बे नजर आ रहे हैं।
जल्द टेंडर करेंगे
हाइवे के मोटल को ठेकेदार ने तीन साल में टेकओवर कर दिया, इस वजह से भोजली रिसोर्ट के लिए फिर से टेंडर करेंगे।
- (केदारनाथ गुप्ता, वाइस चेयरमेन, छग पर्यटन मंडल)
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