गर्मी बढ़ने पर बढ़ सकती है पानी की डिमांड, लॉकडाउन में इस वजह से नहीं हुई पानी की किल्लत
पिछले साल की तुलना में इस वर्ष एक चौथाई टैंकर की पड़ी जरूरत। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। बेमौसम बारिश और कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन (LOCKDOWN) की वजह से जहां लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है, वहीं यह लॉकडाउन लोगों को पानी की किल्लत से निजात दिलाने वाला रहा है। बेमौसम बारिश की वजह से भूजल स्तर बहुत ऊपर रहा है, तो वहीं लॉकडाउन में होटल, रेस्टोरेंट, सरकारी तथा निजी कार्यालयों में तालाबंदी की स्थिति है। वही बचत पानी शहर के लाखों लोगों के घरों तक पहुंचा। लॉकडाउन और बे-मौसम बारिश की वजह से पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पानी आपूर्ति के लिए 25 प्रतिशत टैंकर की जरूरत पड़ी।
गर्मी के दिनों में शहर में सामान्य दिनों की अपेक्षा गर्मी के दिनों में पानी की मांग डेढ़ गुना तक बढ़ जाती है। इसके कारण नगर निगम के पानी टंकी सहित टैंकर हांफने लगते हैं और लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने जैसी स्थिति निर्मित हो जाती है। गर्मी के दिनों में शहर में 240 से 245 एमएलडी पानी की जरूरत पड़ती है। इसकी पूर्ति करने में नगर निगम को बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। इस वर्ष टैंकर की डिमांड नहीं आने से नगर निगम के अधिकारी भी चैन की सांस ले रहे हैं।
शहर में महज 16 टैंकर दौड़ रहे
निगम अधिकारी बीएल चंद्राकर के अनुसार गर्मी के दिनों में पिछले वर्ष मई में लोगों के घरों तक पानी आपूर्ति करने 62 टैंकर की जरूरत पड़ी थी। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मई में 16 टैंकर किराए पर लेना पड़ा है। टैंकरों की जरूरत कम पड़ने की वजह अधिकारी ने पाइप लाइन के माध्यम से लोगों के घरों में पर्याप्त पानी पहुंचने की बात कही। साथ ही भूजल स्तर के यथावत होने की बात कही।
नहीं हुआ पानी का फिजूल खर्च
इस वर्ष पानी की फिजूलखर्ची पर भी रोक लगी है। पानी की फिजूलखर्ची रुकने की वजह लॉकडाउन है। इसके कारण लोगों ने कार वाश से लेकर अपने कार्यालयों, व्यापारिक संस्थानों तथा घरों के बाहर पानी से धोने की जरूरत नहीं पड़ी। इस तरह से पानी की फिजूलखर्ची पर रोक लगी।
पानी की खपत कम हुई
होटल, रेस्टोरेंट, निजी तथा सरकारी संस्थान तथा व्यवसायिक संस्थान बंद होने से पिछले वर्ष की तुलना में 10 से 20 प्रतिशत तक पानी की मांग कम हुई है। होटल, रेस्टोरेंट, कार्यालय तथा व्यावसायिक संस्थानों में 15 एमएलडी से ज्यादा पानी की मांग रहती है। यह संस्थाएं इस वर्ष मार्च के तीसरे सप्ताह से पूरे अप्रैल तक बंद रहे। इस वजह से पानी की खपत कम रही।
नई पाइप लाइन, टंकी से टैंकर में कमी
निगम अधिकारी के मुताबिक शहर के जिन इलाकों में पिछले वर्ष तक टैंकर की ज्यादा डिमांड रहती थी, उन इलाकों में नई पाइप लाइन बिछाई गई। साथ ही रामनगर, श्यामनगर जैसे इलाकों में पानी टंकी का निर्माण होने और उससे जल आपूर्ति होने की वजह से भी टैंकर की डिमांड कम रही। साथ ही टंकियों में मोटर पंपों की क्षमता बढ़ा दी गई है। इस वजह से टंकियों में पर्याप्त पानी रहता है।
नगर निगम रायपुर के मुख्य अभियंता बीएल चंद्राकर ने बताया कि- 'बे-मौसम बारिश होने की वजह से भूजल स्तर में कोई विशेष गिरावट नहीं हुई। साथ ही लॉकडाउन में पानी की खपत कम होने की वजह से टैंकर की मांग पिछले वर्ष की तुलना में कम रही है। साथ ही नई पाइप लाइन और टंकियों में पानी भरने मोटर की क्षमता बढ़ाने की वजह से लोगों को पर्याप्त पानी मिल रहा है।'