Hari bhoomi hindi news chhattisgarh
toggle-bar

झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ना प​रिजनों को पड़ा महंगा, कटावाना पड़ा बेटी का पैर

एक पुरानी कहावत हे ''नीम हकीम खतरे जान''। यह कहावत आज एक बार फिर हकीकत में तब्दील हो गई, जब झाड़ फूंक के चक्कर में पड़कर एक मासूम छात्रा को अपना पैर गंवाना पड़ गया

झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ना प​रिजनों को पड़ा महंगा, कटावाना पड़ा बेटी का पैर
X

एक पुरानी कहावत हे 'नीम हकीम खतरे जान'। यह कहावत आज एक बार फिर हकीकत में तब्दील हो गई, जब झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर एक मासूम छात्रा को अपना पैर गंवाना पड़ गया। दरअसल स्कूल से लौटते वक्त एक छात्रा साइकिल से गिर गई थी, जिससे उसके पैरों पर गंभीर चोट आई और उसके पैर की हड्डी भी टूट गई। परजिनों ने डॉक्टर से उपचार करवाने के बजाए, झाड़ फूंक का सहारा लेना उचित समझा। समय पर सही उपचार नहीं मिलने का न​तीजा यह हुआ कि छात्रा का पैर कटवाना पड़ गया। अब छात्रा कचा उपचार ​ए​क निजी अस्पताल में चल रहा है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

मामला कांकेर जिले के चांदबोड़ी गांव का है। जहां स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा हिरौंदी मंडावी बीते दिनों स्कूल से लौट रही थी। इसी दौरान वह साइकिल से गीर गई, जिससे उसके पैर की हड्डी टूट गई सााि ही उसके पैर में गंभीर चोट भी आई। परिजन, छात्रा को उपचार के लिए गांव के ही एक बैगा के पास ले गए। बैगा ने 25 दिनों के लिए पीड़िता के पैर पर कई तरह का लेप लगाकर कपड़े की पट्टी बांध दी।
25 दिनों बाद जब पट्टी खोली गई तो परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। बैगा की लापरवाही के चलते पैर ठीक होने के बजाए गल गया था। मामला अब गंभीर हो चुका था, जिस देखकर बैगा के भी हाथ पाव फूलने लगे। अंतत: परिजनों ने हिरौंदी को धमतरी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका उपचार जारी है।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

और पढ़ें
Next Story