कोरोना : मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा कानून पर छत्तीसगढ़ में अमल शुरू, आईपीएस अग्रवाल होंगे नोडल अफसर
कानून बनने के ठीक एक दिन पहले 'आईएनएच न्यूज', और जनता टीवी के 'मुश्किल में भगवान' टॉक शो में 'हरिभूमि-आईएनएच' के प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी ने उठाया था यह मुद्दा। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। कोरोना से बचाव में लगे मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए नए कानून पर अमल अब राज्यों में शुरू हो गया है। आज छत्तीसगढ़ में भी डीजीपी ने आईपीएस अधिकारी राजेश अग्रवाल (सहायक पुलिस महानिरीक्षक) को नोडल अफसर बना दिया है।
गौरतलब है कि कानून बनने के ठीक एक दिन पहले 'आईएनएच न्यूज' ने कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे डॉक्टरों पर हमले को लेकर 'मुश्किल में भगवान' टाइटल के साथ एक डिबेट शो किया था। इस शो में 'हरिभूमि-आईएनएच' के प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से सवाल किया था कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकारें क्या कर रही हैं? इसी डिबेट शो में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केन्द्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखने की बात कही थी। और, ठीक एक दिन बाद केन्द्र ने इस संबंध में एक सख्त आदेश जारी कर दिया कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में पूरी मजबूती से काम कर रहे डॉक्टरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस शो का प्रसारण आईएनएच न्यूज के साथ-साथ जनता टीवी पर भी हुआ।
केन्द्र सरकार ने कानून बना दिया है, जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं में लगे कर्मचारियों पर हमला करने वालों को 5 साल तक की सजा हो सकती है, वहीं उन्हें 2 लाख रूपए तक जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। मामलों की गंभीरता के अनुसार सजा और जुर्माने में बदलाव भी हो सकते हैं। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ 30 दिन के भीतर जांच होगी और 1 साल के भीतर फैसला भी आएगा।
कानून बनने के बाद छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने आईएनएच न्यूज़ को धन्यवाद देते हुए कहा कि आईएनएच न्यूज़ ने संवेदशील मुद्दे पर सबका ध्यान आकर्षित किया, अपने डिबेट से केंद्र सरकार को सचेत किया। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान देश के कई राज्यों से डॉक्टरों या स्वास्थ्य जांच में लगी टीमों पर हमले की खबरें आईं, जिसके बाद से इस पर बहस तेज थीं। और आईएनएच न्यूज़ और जनता टीवी की पहल पर केन्द्र द्वारा इसे लेकर सख्त कानून बनाने के बाद हमले रूकेंगे और हमला करने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी होगी। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में इस कानून के पालन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।