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बारिश नहीं, नहर सूखा, खेती कैसे करे किसान, नहर डेढ़ महीने से टूटा बनाने वाला कोई नहीं

केंद्र और राज्य सरकार किसानों के सिचाई सुविधा को देखते हुए कई जगहों पर डेम बना कर नहर के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा रही है। किसानों के सिचाई के लिए कुनकुरी ब्लाक के ग्राम बेलसोंगा में डेम वतर्मान समय से लगभग 12 वर्ष पूर्व बनाया गया है।

बारिश नहीं, नहर सूखा, खेती कैसे करे किसान, नहर डेढ़ महीने से टूटा बनाने वाला कोई नहीं
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केंद्र और राज्य सरकार किसानों के सिचाई सुविधा को देखते हुए कई जगहों पर डेम बना कर नहर के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा रही है। किसानों के सिचाई के लिए कुनकुरी ब्लाक के ग्राम बेलसोंगा में डेम वतर्मान समय से लगभग 12 वर्ष पूर्व बनाया गया है।
जिसको बेलसोंगा डेम से जाना जाता है, इस डेम से सिचाई के लिए नहर का निर्माण किया गया है जो अधिकतर बगीचा ब्लाक के रनपुर, कुदमुरा, पतराटोली, गिरहलटोली, डोण्डराही के किसानों के फसल को सिंचित करता है, इसी नहर की आशा में ही यंहा के किसान धान की फसल लगाते हैं। वर्तमान समय से डेढ़ माह पहले इस डेम से निकली मेन नहर जंहा 35 चेन के नाम से जाना जाता है।
वंहा घटिया स्तर से पुल का निर्माण किया गया था। जिसके टूटने से नहर भी टूट गया और इस नहर के टूटने से क्षेत्र के 300 किसानों के सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो रहा है। पानी सफ्लाई नही होने की वजह से कई किसान अब तक रोपाई का कार्य नही कर पाए है जिन किसानों ने रोपाई का कार्य किया है। उनके खेतों में पानी नही होने की वजह से रोपाई किया हुआ धान मर के पैरा (पौआल) की तरह हो गया है।

कलेक्टर के अश्वासन के बाद भी अधिकारी देखने तक नहीं आए

7 अगस्त को इस क्षेत्र के किसानों ने जशपुर में कलेक्टर जन दर्शन में जाकर आवेदन भी दिया गया और जल्द ही इस समस्या का समाधान करने का आश्वाशन भी मिला पर अब तक विभाग के अधिकारी देखने तक नही आए हैं। जानकारी के मुताबिक जनदर्शन में कागज देने के बाद संबधित विभाग को कलेक्टर कार्यालय से वही आवेदन को भेज कर तत्काल समाधान करने का निर्देश भी जारी किया जा चुका है।
पर अधिकारी तो बनवाना तो दूर टूटे हुए नहर को अब तक मुआयना करने भी नही आए। वंही कुछ किसानों ने संबधित विभाग के इंजीनियर से दूरभाष पर बात करने पर विभाग के पास बनवाने के लिए राशि नही होने की बात कही। किसानों का कहना है कि कब तक राशि आएगी और कब बनेगी तब तक तो हमारा पूरा फसल मर चुका होगा।

थरहा में बयासी करने को मजबूर हुए किसान

रनपुर क्षेत्र के कई किसान अपने खेतों में रोपाई के लिए बीड़ा (थरहा) लगाया था इसमे से कई किसान पानी की कमी से रोपाई कार्य नही कर पाए है रोपाई का समय बीतने को है और नहर में पानी नही आने को लेकर अपने बीड़ा(थरहा) में व्यासी कर रहें है,ताकि कुछ न कुछ तो अनाज उत्पादन हो सके।

आंदोलन के मूड में किसान

कई दिनों से सही बारिश नही होने से किसान बहुत परेशान है। किसानो का कहना है कि विभागीय कर्मचारी तो हमारे समस्या को तो नही समझ रहें कम से कम बारिश भी होता तो हमारे फसल जो मरने की स्थिति में है वो मरता तो नहीं। किसानों का यह भी कहना है कि विभाग जल्द ही इस टूटे हुए नहर को नही बनाता है तो हम लोग क्षेत्र के पूरे किसान उग्र आंदोलन करेंगे।

फसल बीमा की नही दी गई जानकारी

किसान इस वर्ष पिछले साल की भांति इस वर्ष भी फसल बीमा कराने की बात बताते हुए कहा कि यंहा के ग्रामीण सहायक कृषि विस्तार अधिकारी ने हमे कोई भी जानकारी नही दी।
कई किसानों का यह भी कहना है कि हमारे क्षेत्र में अधिकारी की पोस्टिंग तो जरूर हुई है पर हम लोग उस को अच्छी तरह से जानते भी नही है इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है।
उक्त अधिकारी का सही तरीके से अभी तक किसानों का संपर्क नही हो पाया है ओर न ही फसल बीमा की जानकारी किसानों को मिली है। अगर कल को किसानों का फसल मर जाए तो किसानों का बीमा की भरपाई कौन करेगा।

सैकड़ों किसानों का बीमा नहीं हुआ

ग्रामीण सहायक विस्तार अधिकारी रूपेंद्र कौशले ने बताया कि फसल बीमा फार्म भरने के लिए दो दिन बचा था और मुझे जानकारी ऑफिस से मिली। दूसरे दिन मैं बैंक गया बैंक का सरवर नही होने की वजह से फसल बीमा का काम नही हो पाया। जिससे इस क्षेत्र के सैकड़ों किसानों का फसल बीमा नही हो पाया।

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