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छत्तीसगढ़ समाचार: सीएम भूपेश का मास्टर स्ट्रोक, 45 से 80 साल के लोगों को मिलेगा ये लाभ
45 से 80 साल के बुजुर्गाें को राहत देने के लिए शासन द्वारा शुरू की गई नवीन मुख्यमंत्री पेंशन योजना नगर निगम के अफसरों की उदासीनता के कारण फ्लाप हो गई है। आठ जोन से 275 पात्र पाए गए पेंशनरों को एमआईसी से मंजूरी के बाद भी इसलिए पेंशन नसीब नहीं हुई।

टीम डिजिटल /हरिभूमि रायपुर16 Jan 2019 1:39 PM GMT
रायपुर। 45 से 80 साल के बुजुर्गाें को राहत देने के लिए शासन द्वारा शुरू की गई नवीन मुख्यमंत्री पेंशन योजना नगर निगम के अफसरों की उदासीनता के कारण फ्लाप हो गई है। आठ जोन से 275 पात्र पाए गए पेंशनरों को एमआईसी से मंजूरी के बाद भी इसलिए पेंशन नसीब नहीं हुई।
इसकी मुख्य वजह जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अभी तक इसका प्रोसेस शुरू नहीं किया जाना है। नतीजतन सैकड़ों उम्रदराज नागरिक नगर निगम दफ्तर के चक्कर काटने मजबूर हैं। इन्हें नियमानुसार 350 रुपए मासिक पेंशन की पात्रता है। वहीं 80 साल से अधिक आयु के पेंशनरों के लिए 650 रुपए मासिक पेंशन की राशि तय है।
दरअसल, 2011 की आर्थिक, जातीय और सामाजिक जनगणना के आधार पर निगम सीमा क्षेत्र में सर्वे कराया गया, जिसमें बाकायदा वृद्धावस्था, विधवा, निराश्रित, परित्यक्ता को चिन्हांकित करने ग्रेडेशन के तहत पात्र हितग्राहियाें को रूफ नंबर दिया गया।
इसमें बीपीएल की सर्वे सूची में नाम होना जरूरी नहीं था। जोनस्तर पर आवेदन के बाद पात्र पेंशनरों की सूची बनाकर निगम मुख्यालय में भेजी गई। इसमें 275 प्रकरणों को मेयर इन काउंसिल की बैठक में 17 सितंबर 2018 को मंजूरी मिली, लेकिन चार माह बीतने के बाद भी स्वीकृत प्रकरण जस के तस निगम दफ्तर में डंप पड़े हैं।
एक भी आवेदक के खाते मुख्यमंत्री नवीन पेंशन योजना में नहीं खुल पाए। इसकी शिकायत पीड़ित आवेदकों ने महापौर प्रमोद दुबे और नगर निगम आयुक्त रजत बंसल से की है। साथ ही जोनस्तर पर वार्ड पार्षद संबंधित जोन कमिश्नरों तक पेंशनरों की परेशानी बता चुके हैं।
पैसा नहीं भेजे होंगे
चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नवीन पेंशन योजना के लिए आवेदन जमा कराए गए। पात्र हितग्राहियों के प्रकरण एमआईसी से मंजूर हुए, लेकिन पूर्व की सरकार ने इस योजना के लिए राशि भेजी नहीं होगी। पहले बोल दिया था 70 करोड़ देंगे, आज तक नहीं दिया। इसे पता करवाता हूं।
- प्रमोद दुबे, महापौर, रायपुर नगर निगम
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