छत्तीसगढ़ समाचार: 80 हजार रुपए का लालच देकर तेलंगाना में 100 ग्रामीणों को बनाया बंधक, पीड़ित ने लगाई मदद की गुहार Watch Video
मैनपुर ब्लाक के नयापारा पंचायत के अंतर्गत आने वाले आश्रित ग्राम केवबुरला के ग्रामीण टीकेश्वर डोंगरे ने वीडियो बनाकर दावा किया है कि वे पिछले तीन महीने से ठेकेदार के पास अपने परिवार के साथ बंधक बनकर काम करने को मजबूर हैं।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि रायपुरCreated On: 31 Jan 2019 9:31 AM GMT
रविकांत तिवारी, देवभोग। मैनपुर ब्लाक के नयापारा पंचायत के अंतर्गत आने वाले आश्रित ग्राम केवबुरला के ग्रामीण टीकेश्वर डोंगरे ने वीडियो बनाकर दावा किया है कि वे पिछले तीन महीने से ठेकेदार के पास अपने परिवार के साथ बंधक बनकर काम करने को मजबूर हैं।
टिकेश्वर ने वीडियो के जरिए यह भी दावा किया है कि मैनपुर और देवभोग ब्लाक के करीब 60 ग्रामीणों के साथ उड़ीसा के कालाहांडी जिले के उमुरला गांव के 40 ग्रामीण भी इस समय तेलगांना राज्य के वारंगल जिले के भूपलपल्ली गांव में बंधक बने हुए है।
टिकेश्वर द्वारा भेजे गए वीडियो में यह भी दावा किया है कि 100 ग्रामीणों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। विडियो में बताया गया है कि नयापारा के साथ ही दरलीपारा, सुकलीभांठा और फुलीमुड़ा के ग्रामीण बंधक बनकर पिछले पांच महीने से जिन्दगी जीने को मजबूर है।
वहीं टिकेश्वर का कहना है कि ठेकेदार ने उनसे कहा था कि वे काम करने तेलगांना जाएंगे तो उन्हें दो महीने काम करने के बाद 80 हजार रूपए देगा। इसके बाद वे वापस आ सकते है। टिकेश्वर ने विडियो में बताया है कि ठेकेदार के बात में कई ग्रामीण फंस गए और तेलगांना काम करने के लिए चले गए। वहीं ग्रामीणों को तेलगांना ले जाने वाला ठेकेदार ग्रामीणों को भूपलपल्ली में छोड़कर भी वापस आ गया है।
जानवरों की तरह किया जा रहा सलूख
बंधक बनाए गए इन लोगों से सुबह 11 बजे से काम लेना शुरू किया जाता है। इसके बाद सात बजे रात का खाना दिया जाता है। वहीं आठ बजे से पुनः काम लिया जाता है जो देर रात करीब 2 बजे तक लगातार चलता रहता है। इस दौरान मजदूरों पर नजर रखने के लिए ठेकेदार के लोग भी मौके पर खड़े रहते है।
टिकेश्वर की माने तो दो समय का सिर्फ भोजन ही दिया जाता है। वहीं पैसे की मांग करने पर ठेकेदार के द्वारा ग्रामीणों के साथ क्रूर व्यवहार किया जाता है।
दरलीपारा और उड़ीसा के ठेकेदारों ने सौंपा है स्थानीय ठेकेदार को
बंधक बनकर पिछले तीन महीने से रह रहा टिकेश्वर बताया कि कालाहान्डी जिले के उमुरला गांव के ठेकेदार निराकार सोना के साथ ही दरलीपारा के एक ठेकेदार आज से करीब तीन महीने पहले उन्हें लेकर तेलगांना पहुंचे थे।
इसके बाद ग्रामीणों के साथ वे भी एक दिन रहे। उस दौरान लेकर पहुंचे दोनों ठेकेदारों ने दावा किया था कि ईंट भट्ठों में काम के दौरान पूरा व्यवस्था किया जाएगा। वहीं आठ घंटे ड्यूटी पर काम लिया जाएगा।
वहीं दो महीने करने के बाद 80 हजार रूपए देकर वापस घर भी भेज दिया जाएगा.टिकेश्वर के मुताबिक मैनपुर और देवभोग क्षेत्र के लोग अलग-अलग टुकड़ियों में आधे-आधे किलोमीटर की दूरी पर हैं।
वहां उन्हें बंधक बनाकर तेलगांना के ईंट भट्ठों के संचालक अपने मन-मुताबिक काम ले रहे है। टिकेश्वर के मुताबिक स्थिति इतनी ज्यादा भयावह हैं कि बच्चे या फिर अन्य किसी ग्रामीण का स्वास्थ्य खराब होने पर सिर्फ टेबलेट ही दे दिया जाता है, उसे अस्पताल तक ले जाने की अनुमति भी ईंट भट्ठे के संचालक के द्वारा नहीं दी जाती।
वस्तुस्थिति की जानकारी मिलने करेंगे कार्रवाई
आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिलने के बाद मैंने ग्राम पंचायत नयापारा में अपनी टीम भेज रहा हूं। जो वस्तुस्थिति का पता लगा रही है। वस्तुस्थिति का पता लगने के बाद मामले में आगामी कार्रवाई की जाएगी। - निर्भय साहू,एसडीएम,देवभोग
वापस लाने की दिशा में करूंगा काम
काम की कमी के चलते ग्रामीण दूसरे राज्य में पलायन करने को मजबूर हो गए है। वहीं ठेकेदार भी उनका फायदा उठा रहे है। इसी के मद्देनजर ही ग्रामीण उनकी बातों में फंस जाते है। मामले में कलेक्टर से चर्चा कर ग्रामीणों को वापस लाने की दिशा में पहल करूंगा। -डमरूधर पुजारी,विधायक,विन्द्रानवागढ़
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