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छत्तीसगढ़: गौठानों की जानकारी महज़ एक क्लिक दूर, जियो टैग से मिली सहुलियत

नजदीकी गौठान का लोकेशन मिलेगा इस एप से, लॉकडाउन के बाद जिओ टैगिंग का काम होगा पूरा। पढ़िए पूरी खबर-

छत्तीसगढ़: गौठानों की जानकारी महज़ एक क्लिक दूर, जियो टैग से मिली सहुलियत
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रायपुर। प्रदेश की सुराजी ग्राम योजना अंतर्गत प्रदेश भर में नरवा, गरवा घुरवा और बाड़ी के विकास से समग्र ग्रामीण विकास के लिए सतत और सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। गरुवा अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर पशुओं के उचित व्यवस्थापन और विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के संचालन से आमदनी के लिए बड़ी संख्या में घोटालों का निर्माण किया गया है।

गौठान में उत्पादित गोबर, गोमूत्र, कंपोस्ट, खाद, गमला, दिया और धूपबत्ती निर्माण इत्यादि गतिविधियां ली जा रही है वर्तमान में प्रदेश भर की कुल 10,005 ग्राम पंचायतों में से 5,409 ग्राम पंचायतों में गठान स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिसमें से 1,929 गौठान पूर्ण है तथा शेष निर्माणाधीन गठन शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण करने कार्यवाही प्रगति पर है। प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में गौठान निर्माण को सुनिश्चित किए जाने हेतु नवीन घोटालों की स्वीकृतियां लगातार जारी की जा रही है।

प्रदेश के गौठानों की सटीक लोकेशन ज्ञात करने के लिए स्थानों का जिओ टैगिंग किया गया है। वर्तमान में कुल 3,350 घोटालों का जिओ टैगिंग किया जा चुका है। जिओ टैगिंग करने से ग्रामीणों को नजदीकी गौठान की जानकारी रहती है, जिससे पशुओं को नजदीकी व्यवस्थापन में काफी सहूलियत होती है। प्रदेश के गानों की स्थिति ज्ञात करने के लिए विभागीय वेबसाइट http://nggb.cg.nic.in जियो टैगिंग बटन दबाने पर नक्शे पर गौठान की स्थिति व फोटो की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जिओ टैगिंग से न सिर्फ गौठान की लोकेशन की जानकारी प्राप्त होती है बल्कि पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण इत्यादि कार्य संपादन हेतु पशुपालन एवं विभाग को सुविधा होती है। गौठानों का जिओ टैगिंग का कार्य पशुधन विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा गौठान स्थान पर भौतिक रूप से पहुंचकर मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग कर अक्षांश एवं देशांतर अंकित किया जाता है। लॉकडाउन के बाद शेष गौठान का टैगिंग कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा।

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