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CG Elections 2018: ''प्रतापपुर'' में ये बनेगा मुख्य मुद्दा

प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में संभाग का प्रथम बड़ा उद्योग महामाया सहकारी शक्कर कारखाना है। क्षेत्र में कृषि का विकास हुआ है लेकिन सड़क, स्वास्थ्य, सिंचाई, बेरोजगारी और पलायन की समस्या जस की तस है।

CG Elections 2018: प्रतापपुर में ये बनेगा मुख्य मुद्दा
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प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में संभाग का प्रथम बड़ा उद्योग महामाया सहकारी शक्कर कारखाना है। क्षेत्र में कृषि का विकास हुआ है लेकिन सड़क, स्वास्थ्य, सिंचाई, बेरोजगारी और पलायन की समस्या जस की तस है।

हाथियों का आतंक दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। वाड्रफनगर में सौ विस्तर अस्पताल सहित क्षेत्र में कई चिकित्सालय हैं लेकिन चिकित्सकों व जरूरी संसाधनों की कमी से लोगों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। ये होंगे इस चुनाव के मुख्य मुद्दे।

योजनाएं हैं पर सभी अधूरी और परेशानी जस की तस

गृहमंत्री रामसेवक पैकरा का निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण इलाके में कई विकास कार्य हुए हैं। कई सड़क व पुल-पुलियों का निर्माण हो चुका है जबकि कई निर्माणाधीन हैं।

खस्ताहाल अम्बिकापुर-प्रतापपुर मार्ग में ही केरता स्थित शक्कर कारखाना है। इस इकलौती सड़क के चौड़ीकरण के लिए एक साल पहले 82 करोड़ की स्वीकृति मिली थी लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। धीमी रफ्तार व गुणवत्ताहीन निर्माण के विरूद्ध क्षेत्रवासी कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं लेकिन स्थिति में बदलाव नहीं हुआ।

4 साल पहले बने क्षेत्र की पीएमजीएसवाई की कई सड़कें जर्जर हो गई हैं। वाड्रफनगर में मनरेगा के लाखों रूपए की मजदूरी का भुगतान शेष है वहीं योजनान्तर्गत नए कार्यों की स्वीकृति नहीं दी गई है जिससे लोगों में भारी नाराजगी है।

प्रतापपुर के जंगलों को हाथियों ने अपना स्थाई बसेरा बना लिया है तथा हर साल हाथियों से दर्जनों लोगों की मौत हाती है।

वे घोषणाएं जिन्हें भूला दिया गया

  • 2008 में वाड्रफनगर व प्रतापपुर को मिलाकर पुलिस जिला बनाने की घोषणा सीएम ने की थी लेकिन अमल नहीं हुआ।
  • पीएचई मंत्री ने भी एक साल पहले महान नदी, पिंगला नदी सारासोर से जल आपूर्ति करने की घोषणा की और भूल गए।
  • 2011 में तैमोर पिंगला अभ्यारण्य को एलिफेंट रिजर्व घोषित किया गया था। अब तक कुछ नहीं हुआ। हाथी आए दिन लोगों को मार रहे हैं।

ये हैं प्रमुख पार्टियों के प्रबल उम्मीदवार

कांग्रेस: कांग्रेस की ओर से पूर्वमंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह के अलावा रामदेव राम भी विधायक पद के टिकट की दावेदारी करेंगे।

भाजपा: भाजपा से गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के अतिरिक्त राम विचार नेताम और विजय प्रताप सिंह प्रबल दावेदार हैं।

जोगी इफेक्ट: छजकां ने डॉ.नरेन्द्र सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। आमआदमी पार्टी व गोंगपा भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।

2008 समीकरण: मजबूत जनाधार, विकास कार्य और समन्वय जीत में बदली

प्रत्याशी पार्टी मत जीत का

प्रेमसाय सिंह टेकाम कांग्रेस 51505 अंतर

रामसेवक पैकरा भाजपा 49132 2373

1.8% से वोट से जीती कांग्रेस

2013 समीकरण: बदलाव की बयार, संगठन की मजबूती और आपसी तालमेल

प्रत्याशी पार्टी मत जीत का

राम सेवक पैकरा भाजपा 66550 अंतर

प्रेमसाय सिंह टेकाम कांग्रेस 58407 8143 1832742818

5.1% से वोट से जीती भाजपा

जनता जान रही है कि क्षेत्र में विकास हो रहा है

जनता की मांग के अनुसार क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के कार्य किए गए हैं। सभी 150 ग्राम पंचायतों में प्राधिकरण व विधायक निधि से समग्र विकास के कार्य कराए गए हैं।

जनता समझ गई है कि केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से क्षेत्र का लगातार विकास हो रहा है। रमन सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं व अपने विकास कार्यों के दम पर जनता के आर्शीवाद से हम प्रदेश में लगातार चौथी बार भाजपा की सरकार बनाएंगे।

रामसेवक पैकरा (गृहमंत्री)

विकास के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार

विकास कार्यों के नाम पर क्षेत्र में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा हैं तथा भाजपा के लोग कमाई कर रहे हैं। सड़कों की हालत किसी से छिपी नहीं हैं। सौ बिस्तर अस्पताल होने के बावजूद वाड्रफनगर के लोगों को इलाज के लिए यूपी जाना पड़ रहा है।

प्रतापपुर में पुलिस जिला उपकोषालय बनाने की घोषणा सीएम भूल गए हैं। हाथी प्रबंधन के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च हो रहे हैं लेकिन आए दिन हाथी लोगों को मार रहे हैं।

डॉ प्रेमसाय सिंह (पूर्व विधायक)

क्षेत्र में चिकित्सकों और रोजगार की भारी कमी

  • वाड्रफनगर व प्रतापपुर ब्लॉक में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक व महिला चिकित्सक नहीं है।
  • हाथियों की बढ़ती समस्या समेत क्षेत्र के अधूरे कामों को लेकर जनता में भारी आक्रोश है।
  • बड़ी संख्या में क्षेत्र के युवा रोजगार की तलाश में पंजाब, हरियाणा, गुजरात व यूपी जाते हैं।

सड़क और पुल निर्माण समेत हर क्षेत्र में हुए हैं विकास कार्य

गृहमंत्री ने अपने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किए हैं। अम्बिकापुर-प्रतापपुर सड़क निर्माण का कार्य चला रहा है। वहीं महानपुल निर्माण की दूरस्थ क्षेत्र जजावल के लिए सड़क निर्माण व घाट कटिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है।

बगड़ा में महान नदी व पलढा में बाकी नदी व मोरंग नदी पर आधा दर्जन पुलों का निर्माण कराया गया है। विद्युत विहीन गांवों में विद्युत विस्तार लिए सर्वे चल रहा है।

गृहमंत्री की पहल से 7 हाई स्कूलों का उन्नयन, महाननदी में दो एनीकट, कोटेया में डायवर्सन व धूमाडांड में जलाशय निर्माण की स्वीकृति मिली है। पेयजल के लिए गांव-गांव में 300 करोड़ के सोलर पंप लगाए गए हैं।

संतोष सिंह,उपाध्यक्ष, जिला सहकारी बैंक

विधानसभा क्षेत्र की सभी नल-जल योजनाएं सालों से बंद पड़ी

पीएचई मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में निर्मित सभी नल जल योजनाएं सालों से बंद है। सौ बिस्तर अस्पताल में कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है न ही प्रशासन नाम की कोई चीज है।

पुलिस प्रशासन में गुण्डाराज कायम है तथा हत्या जैसे संगीन मामलों को दबोचा जा रहा है। पूर्व सरंपच धनराज सिंह की हत्या मामले में खात्मा लगाने की तैयारी की जा रही है।

इसके अलावा रजखेता में हुई हत्या को आत्महत्या बताया जा रहा है। कई स्कूल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। एसआर द्वारा बिना मुआवजा दिए विद्युत लाइन के लिए टावर लगाया जा रहा है और पुलिस डंडा चलाकर लाइन खिंचवा रही है।

हरिहर यादव, ब्लॉक अध्यक्ष, कांग्रेस

सरल हो सरकारी योजनाएं

विधानसभा क्षेत्र में कई विकास कार्य हुए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं का भी क्षेत्रवासियों को काफी लाभ मिला है। सरकार की जनहित की योजनाओं को और सरल करने की जरूरत है ताकि लोगों को लाभ मिल सके।

गणेश राम यादव (स्थानीय, नागरिक)

क्षेत्र में तेजी से हो रहा विकास

सरकार की पहल से क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। कई महत्वपूर्ण कार्य कराए गए हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं से नीचे तबके के लोगों को काफी लाभ मिला है। बिचौलियों को रोकने तत्काल कड़े नियम बनाने की जरूरत है।

सुचित कुशवाहा (स्थानीय, नागरिक)

परिसीमन के बाद प्रतापपुर में भाजपा सत्ता में काबिज

परिसीमन से पहले प्रतापपुर ब्लॉक पिल्खा विधानसभा क्षेत्र में जबकि वाड्रफनगर ब्लॉक पाल विधानसभा क्षेत्र में था। 1977 में यह सामान्य सीट थी। जनता पार्टी से नरनारायण सिंह कांग्रेस के डॉ. प्रेमसाय सिंह को पराजित कर विजयी हुए थे।

इसके बाद इस सीट को आरक्षित कर दिया गया। इसके बाद 10 साल तक कांग्रेस के डॉ. प्रेमसाय सिंह का कब्जा रहा। 1990 में भाजपा के मुरारी लाल सिंह विधायक बने। 1993 में पुन: डॉ. प्रेम साय सिंह ने जीत हासिल की और लगातार 10 सालों तक विधायक रहे।

2003 में भाजपा के रामसेवक पैकरा ने जीत हासिल की। परिसीमन के बाद साल 2008 में भी उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी। पाल विधानसभा क्षेत्र में 1990 से 2008 तक भाजपा के राम विचार नेताम का कब्जा रहा लेकिन 2008 में उन्हें प्रेमसाय सिंह से हार का सामना करना पड़ा।

विकास ही होगा मुद्दा

विकास कार्यों को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष आमने-सामने है। सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल व रोजगार को लेकर विपक्ष के कड़े तेवर हैं। यही विषय चुनावी मुद्दा बनेंगे।

जातिगत समीकरण

विधान सभा क्षेत्र में गोड़, खैरवार, कंवर, चेरवां, उरांव, कोड़ाकू, पण्डो व भूइया जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग में जायसवाल, यादव, पनिका, साहू व मुस्लिम समाज की अच्छी खासी आबादी है। ये चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में होंगे।

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