31 दिसंबर को जश्न होगा आधा, नियम बने बाधा
राजधानी रायपुर में इस वर्ष 31 दिसंबर और नए वर्ष के सेलिब्रेशन पर प्रशासन ने नकेल कसने का निर्णय ले लिया है। प्रशासन ने गुरुवार को शहर के सभी होटल संचालकों और इवेंट ऑर्गनाइजर की बैठक लेकर उन्हें निर्देश दिया है की किसी भी प्रकार के आयोजन से पहले नियमानुसार अनुमति लें, वरना उन पर कार्रवाई की जाएगी।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 30 Dec 2018 5:50 AM GMT
राजधानी रायपुर में इस वर्ष 31 दिसंबर और नए वर्ष के सेलिब्रेशन पर प्रशासन ने नकेल कसने का निर्णय ले लिया है। प्रशासन ने गुरुवार को शहर के सभी होटल संचालकों और इवेंट ऑर्गनाइजर की बैठक लेकर उन्हें निर्देश दिया है की किसी भी प्रकार के आयोजन से पहले नियमानुसार अनुमति लें, वरना उन पर कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया कि 31 दिसंबर की रात दस बजे तक ही डीजे बजाने की अनुमति है और उस दिन पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। इस दिशा-निर्देश के बाद अब होटल संचालक और इवेंट ऑर्गनाइजर्स के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
उनका कहना है कि हर वर्ष राजधानीवासी 31 दिसंबर और नए वर्ष को धूमधाम से मनाते हैं। इसे लेकर होटल संचालक और इवेंट ऑर्गनाइजर्स काफी पहले से तैयारी करते हैं। ऐसे में प्रशासन के इस प्रकार के निर्णय से उन्हें काफी दिक्कत हो रही है, क्योंकि आयोजन को लेकर उनके सारे पास बिक चुके हैं, हाल, होटल और डीजे की बुकिंग की जा चुकी है। प्रशासन के इस निर्णय के बाद अब सभी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। कुछ पटाखा विक्रेताओं ने कहा कि
सुप्रीम कोर्ट ने जब 31 दिसंबर को रात 11. 55 से साढ़े 12 बजे तक पटाखा चलाने की अनुमति दी है तो प्रशासन का यह निर्णय सीधे
सीधे कोर्ट की अवमानना है। वहीं डीजे को लेकर भी यह बात सामने आई है कि पिछले साल रात 10 के बाद धीमी आवाज में डीजे चलाने की अनुमति दी गई थी। सख्ती के कारण डीजे संचालक कर चुके है आत्महत्या तीन वर्ष पहले राजधानी में डीजे पर नकेल कसने के लिए प्रशासन ने काफी सख्ती बरती थी। इसके चलते गोलबाजार थाना क्षेत्र के एक डीजे संचालक ने आत्महत्या कर ली थी।
इसके बाद यह खुलासा हुआ कि मृतक ने कर्ज लेकर डीजे का कारोबार शुरू किया था, लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते डीजे का कारोबार मंदा पड़ गया था। इस घटना के बाद डीजे संचालक एकजुट हो गए थे और बाद में पुलिस और प्रशासन को डीजे बजाने के लिए रियायत देनी पड़ी थी।
पेट पर लात मार रहा है प्रशासन
इवेंट ऑर्गनाइजर्स और होटल संचालक 31 दिसंबर और नए वर्ष के सेलिब्रेशन के लिए काफी पहले से तैयारी करते हैं। यदि उन्हें पहले इस निर्णय की जानकारी प्रशासन ने दे दी होती तो उनके लिए मुसीबत नहीं होती। अब प्रशासन का यह निर्णय सीधे-सीधे उनके पेट पर लात मारने जैसा है।
- कुणाल राठी, इवेंट ऑर्गेनाइजर
पर्यावरण पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा
राजधानी में हर साल इस अवसर पटाखे चलाकर लोग खुशियां मनाते हैं। लोगों के लिए छोटी-छोटी खुशियां मायने रखती हैं। इस दिन बड़ी मात्रा में पटाखे नहीं जलाए जाते, जिससे कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचे। पटाखे पर प्रशासन को प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए।
- केदार प्रसाद, पटाखा एंड पटाखा भण्डार
बिना अनुमति के आयोजनों पर होगी कार्रवाई
राजधानी में 31 दिसंबर को होने वाले आयोजनों की पूर्व में अनुमति लेनी आवश्यक है, बिना अनुमति के आयोजनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। रात दस बजे के बाद डीजे चलाने पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जहां भी आयोजन होंगे, वहां पार्किंग आदि की व्यवस्था आयोजकों को करनी होगी।
- डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, एडीएम रायपुर
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