Big News : व्यापारियों को एक साल करना होगा इंतजार, 600 करोड़ के कारोबार पर कोरोना की मार
कोरोना का ऐसा कहर आया है, जिसके कारण हर तरह का व्यापार चौपट हो गया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि गर्मी में बिकने वाले एसी, कूलर और फ्रिज का बाजार ठंडा हो गया है। बाजार में जिस समय माल के बिकने की रफ्तार आती है, ठीक उसी समय लॉकडाउन के कारण बाजार ही बंद हो गए। पढ़िए पूरी खबर-

कूलर की दुकान (प्रतीकात्मक फोटो)
रायपुर। प्रदेश में गर्मी के सीजन में होने वाले एसी, कूलर और फ्रिज के करीब 600 करोड़ के कारोबार पर भी कोरोना की मार पड़ी है। व्यापारियों के करोड़ों रुपए इसमें फंस गए हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद भी मई में ज्यादा माल बिकने की संभावना नहीं है। मार्च और अप्रैल में ही ज्यादातर माल बिकता है। व्यापारियों को अपना माल खपाने के लिए अगले साल गर्मी तक इंतजार करना पड़ेगा।
कोरोना का ऐसा कहर आया है, जिसके कारण हर तरह का व्यापार चौपट हो गया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि गर्मी में बिकने वाले एसी, कूलर और फ्रिज का बाजार ठंडा हो गया है। बाजार में जिस समय माल के बिकने की रफ्तार आती है, ठीक उसी समय लॉकडाउन के कारण बाजार ही बंद हो गए। इस बाजार के अभी अप्रैल में खुलने की संभावना नहीं के बराबर है। व्यापारियों का साफ कहना है, अगर मई में बाजार खुलता भी है तो 10 से 15 फीसदी माल ही बिकेगा, उससे ज्यादा माल बिकने की संभावना नहीं है, क्योकि लोगों के पास पैसों की वैसे ही कमी हो गई है।
बिकते हैं पौने चार लाख कूलर
प्रदेश में गर्मी के सीजन में करीब पौने चार लाख कूलर बिकते हैं। इसमें से करीब 75 हजार कूलर ब्रांडेड कंपनियों के और तीन लाख लोकल कूलर हैं। जहां ब्रांडेड कंपनियों के कूलर की कीमत 6 से 10 हजार तक है, वहीं लोकल कूलर 3 से 5 हजार तक बिकते हैं। कुल मिलाकर करीब ढाई सौ करोड़ का कारोबार इनका होता है। केन स्टार के स्टेट हेड कुलदीप त्रिपाठी का कहना है, कोरोना के कारण व्यापारियों की हालत इस बार खराब हो गई है। ऐन सीजन के समय में लॉकडाउन के कारण माल नहीं बिक पा रहा है।
60 से 65 हजार एसी की ब्रिकी
डाइकिन एसी के छत्तीसगढ़ के वितरक गिरधर ग्वालानी का कहना है, प्रदेश में सभी तरह के एसी को मिलाकर गर्मी के सीजन में 60 से 65 हजार एसी बिकते हैं। एक एसी की कीमत औसत 30 हजार के आसपास है। एसी का काराेबार दो से तीन सौ करोड़ का होता है। सबसे ज्यादा एसी मार्च और अप्रैल में बिकते हैं। व्यापारियों ने पहले ही स्टॉक मंगाकर रख लिया है। वैसे तो माल सालभर बिकता है, लेकिन गर्मी के सीजन में इनकी बिक्री ज्यादा होती है।
फ्रिज का व्यापार सौ करोड़ का
प्रदेश में सभी कंपनियों के फ्रिज को मिलाकर सालभर में इसका दो से ढाई सौ करोड़ का व्यापार होता है। इसमें से 40 फीसदी करीब सौ करोड़ का व्यापार गर्मी के सीजन में मार्च और अप्रैल में होता है। व्यापारियों का कहना है, गर्मी में होने वाले कारोबार से इस बार हम लोग वंचित हो गए हैं। जिस तरह की स्थिति देश में कोरोना के कारण है, उससे तय है ऑफ सीजन में ज्यादा माल बिकने वाला नहीं है।
असमंजस में कारोबारी
व्यापारियों का कहना है, एसी, कूलर और फ्रिज के लिए थोक व्यापारी नवंबर और दिसंबर में ही कंपनियों को आर्डर दे देते हैं। पहले से आर्डर देने पर कीमत कुछ कम होने से फायदा मिलता है। इसके लिए व्यापारियों को कंपनियों को एंडवास में पैसा देना पड़ता है। सभी व्यापारियों ने एंडवास में पैसा देकर अपना माल मंगा लिया है। सभी के गोडाउन भरे हुए हैं। व्यापारियों को अब इस बात की चिंता है कि उनका माल न बिकने पर उनकी लगाई रकम कैसे वसूल होगी। किसी ने बाजार से तो किसी ने बैंकों से कर्ज लेकर माल मंगाया है।