एम्स में एडमिट कोरोना संक्रमित ने कहा- मुंबई से लौटकर मेरी बच्ची को साइकिल दिलाने का वादा किया था, मासूम को कलेक्टर रानू साहू ने दिलाई साइकिल...
किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने आपकी एक पहल ही काफी होती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बालोद जिले की कलेक्टर रानू साहू ने. दरअसल कुछ दिन पहले ग्राम बिजौरा डौंडीलोहारा विकासखंड में एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति जो वर्तमान में एम्स में भर्ती है. उसने अपने फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को यह बताया कि उसकी पत्नी नहीं है. उसकी मासूम छोटी सी बच्ची को उसने वादा किया था कि जब वह वापस मुंबई से आएगा तो उसके लिए एक साइकिल लेकर आएगा.

बालोद. किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने आपकी एक पहल ही काफी होती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बालोद जिले की कलेक्टर रानू साहू ने. दरअसल कुछ दिन पहले ग्राम बिजौरा डौंडीलोहारा विकासखंड में एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति जो वर्तमान में एम्स में भर्ती है. उसने अपने फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को यह बताया कि उसकी पत्नी नहीं है. उसकी मासूम छोटी सी बच्ची को उसने वादा किया था कि जब वह वापस मुंबई से आएगा तो उसके लिए एक साइकिल लेकर आएगा.
इस बात को उसने जिला प्रशासन को बताया मामले पर कलेक्टर ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एक साइकिल और कई सारे खिलौने मिठाई बिस्किट चॉकलेट खरीद कर उस मासूम तक पहुंचाया और कहा कि उसके पापा ने उसके लिए भेजा है. इस बात से उस मासूम के चेहरे पर ख़ुशी आ गई. दरअसल कलेक्टर रानू साहू द्वारा किए गए इस कार्य को लेकर जिले से सहित छत्तीसगढ़ में काफी प्रशंसा हो रही है. कलेक्टर रानू साहू ने ममता दिखा कर एक मासूम के चेहरे पर हंसी लाई है.
मासूम बच्ची अपनी नानी के साथ उसके गांव रहती है. कलेक्टर ने खुद उस गांव तक पहुंच कर एक व्यक्ति के माध्यम से उसके घर तक तमाम सामग्रियों को भिजवाया और उस मासूम के चेहरे पर एक प्यारी सी खुशी लाई. इस बात के लिए कलेक्टर रानू साहू की जहां हर तरफ तारीफ हो रही है. वहीं मामले को संज्ञान लाने वाले आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त माया वरियर की भी काफी तारीफ की जा रही है. जिन्होंने इस मामले को कलेक्टर के संज्ञान तक लाया.