शिकार नहीं किए फिर भी धनुषधारी आदिवासियों पर कार्रवाई, विधायक धर्मजीत सिंह ने अफसरों के खिलाफ की FIR की मांग
अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के वनग्राम नेवासखार के आदिवासियों के खिलाफ वन विभाग और पुलिस की एकतरफा कार्यवाही का रार थमने का नाम नहीं ले रहा है! लिहाजा अब तो मामले ने राजनीति रंग भी लेना शुरू कर दिया है! इस सम्बन्ध में लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने वन विभाग की कार्यवाही पर कड़ी निंदा की है और लॉकडाउन का उल्लंघन मानते हुए सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी उल्लंघन का अपराध दर्ज करने की मांग की है!

बिलासपुर. अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के वनग्राम नेवासखार के आदिवासियों के खिलाफ वन विभाग और पुलिस की एकतरफा कार्यवाही का रार थमने का नाम नहीं ले रहा है! लिहाजा अब तो मामले ने राजनीति रंग भी लेना शुरू कर दिया है! इस सम्बन्ध में लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने वन विभाग की कार्यवाही पर कड़ी निंदा की है और लॉकडाउन का उल्लंघन मानते हुए सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी उल्लंघन का अपराध दर्ज करने की मांग की है!
उन्होंने कहा कि जंगलों में धनुष लेकर घूमना आदिवासियों की परम्परा, संस्कृति और सभ्यता है! वे केवल धनुष रखे हुए थे, शिकार तो नहीं किए ना! अगर वन विभाग को कार्यवाही करनी थी भी तो लॉकडाउन के बाद कर लेते इतनी जल्दबाजी आखिर की बात की थी! बता दें कि पिछले दो दिनों से मुंगेली जिले के लोरमी विधानसभा क्षेत्र के वनग्राम नेवासखार में वन विभाग और पुलिस की कार्यवाही का ड्रामा हाई-एपोच में चल रहा है! जिससे प्रभावित आदिवासी व ग्रामीण एकपक्षीय कार्यवाही से काफी उद्वलित नज़र आ रहें है!
दरअसल बीते रविवार को वन विभाग की 21 सदस्ययी टीम वनग्राम नेवासखार शिकार के संदेह में शिकारियों की धर-पकड हेतु पहुंची! जिसमे जंगलों में शेर व अन्य जीव-जानवरों के ट्रैप और उनकी पहचान हेतु कैमरा लगाया गया है! जिसमे 2-3 धनुषधारी युवक का फोटो कैप्चर किया गया था! लिहाजा उनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कोरोना वायरस के लॉकडाउन के दौरान टीम ग्रामीणों के घरों में घुस-घुसकर पड़ताल करने लगी! जिससे ग्रामीण आक्रोशित हुए और वन विभाग की टीम का विरोध भी किया! इस दौरान टीम और ग्रामीणों दोनों ओर से तनातनी हुई और टीम को ग्रामीणों ने पहले पीटा और कान पकड़ाकर कनबुच्ची भी लगवाई! इसके ठीक उल्ट अचानकमार टाइगर रिजर्व लोरमी की उप संचालक (डीऍफ़ओ) विजया कुर्रे ग्रामीणों के खिलाफ जुर्म दर्ज करवाने के लिए लोरमी थाना पहुंची और आदिवासी ग्रामीणों के खिलाफ गंभीर कई धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाया!
वहीँ इस मामले में अचानकमार टाइगर रिजर्व की उप संचालक विजया कुर्रे ने घटना का पूरा कसूर ही ग्रामीणों के माथे थोप दिया और उल्टे गाँव वालों के खिलाफ अपनी ऊँची पहुँच से कई गंभीर धाराओं में अपराध भी कायम करवा दिया! हालाकि वन विभाग के इस घटना की राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में जमकर किरकिरी होने लगी है! वहीँ पुलिस विभाग के एडिशनल एसपी कमलेश्वर चंदेल ने शिकायत को गंभीर करार देते हुए विधिवत कार्यवाही की बात कही है!
बहरहाल ग्रामीणों के खिलाफ एकतरफ़ा कार्यवाही को लेकर राजनीति रंग चढ़ते ही चले जा रहा है! लेकिन अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में दुसरे पक्ष पर कार्यवाही की गाज गिरती है या हवा-हवाई की औचारिकता ही बनकर रह जाएगी! ये तो आने वाला समय ही बताएगा!