राज्य की सीमाओं पर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से गायब हुए 70 फीसदी लोग, ये है कारण
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद राज्य की सभी सीमाओं को सील कर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से 70 फीसदी लोग गायब हो गए। उनके बारे में प्रशासन को भी नहीं पता। इनमें ज्यादातर मजदूर हैं।

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद राज्य की सभी सीमाओं को सील कर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से 70 फीसदी लोग गायब हो गए। उनके बारे में प्रशासन को भी नहीं पता। इनमें ज्यादातर मजदूर हैं।
गौरतलब है, लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद राज्य के सभी जिलोें में जिला प्रशासन तथा परिवहन विभाग ने आठ राज्यों से सटे 16 स्थानों पर चेकपोस्ट बनाया गया है। यहां नाकेबंदी कर केवल मालवाहक, अतिआवश्यक सेवाएं और विशेष अनुमति प्राप्त वाहनों को आवाजाही की अनुमति दी गई है। लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को बार्डर के आसपास सरकारी भवनों में क्वारेंटाइन कर रखने की व्यवस्था की गई है।
इन मार्गों से गायब हुए
राज्य के 18 जिले ऐसे हैं, जो आठ राज्य से सीधे जुड़े हैं। गायब होने वाले लोग इन जिलों के अंदरूनी इलाकों से रात के अंधेरे में तैनात सुरक्षाकर्मियों की आंख में धूल झोंककर चोरी छिपे गायब हुए। गायब होने वाले 500 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग जिलोें में मालवाहक वाहनों से आते-जाते, साथ ही पैदल चलते रेस्क्यू किया, तो उन लोगों ने क्वारेंटाइन सेंटर से आने की जानकारी दी। इसके बाद ही पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने मालवाहक वाहनों की जांच तेज करने के निर्देश दिए।
जाने वालों में ज्यादातर वाहन चालक और साथी
राज्य के अलग-अलग बार्डर पर तैनात प्रशासनिक टीम का कहना है कि लॉकडाउन को देखते हुए सभी को बार्डर के पास अस्थाई कैंपों में ठहराया गया था। इसमें से ज्यादातर वाहन चालक और परिचालक थे। मालवाहक वाहनों के संचालन की अनुमति मिलते ही वे सभी अपने वाहन लेकर अपने गंतब्य की ओर रवाना हो गए।