MLA शैलेष पांडेय पुलिस के खिलाफ जाएंगे अदालत, FIR को बताया प्रायोजित
MLA shailesh pandey's clarification on FiR against himself

रायपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे हिंदुस्तान में लॉक डाउन है। इस बीच कई सामाजिक संस्थाएं, समाजसेवी, राजनेता, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी और यथाशक्ति आमजन भी जरूरतमंदों को अपनी तरफ से जरूरत की चीजें देकर मदद कर रहे हैं।
इसी बीच बिलासपुर से खबर आई कि वहां के विधायक शैलेष पांडे के खिलाफ इसलिए जुर्म दर्ज कर लिया गया, क्योंकि उनके निवास के आगे ऐसे लोगों की भीड़ जमा हो गई, जो वहां राशन लेने पहुंचे थे।
दरअसल इन दिनों विधायक शैलेष पांडे लॉकडाउन के कारण रोजी-रोजगार से प्रभावित और दैनिक जरूरतों की चीजों से वंचित लोगों को सामग्री देकर मदद कर रहे हैं। वे राशन भी बांट रहे हैं।
जिस भीड़ के कारण शैलेष पांडे के खिलाफ एफआईआर की खबरें हैं, बताया जा रहा है कि वह भीड़ वहां राशन लेने हीं पहुंची थी। एफआईआर की खबरों के बाद बिलासपुर के विधायक शैलेष पांडे ने इस मामले में अपना स्पष्टीकरण जाहिर किया है। विधायक शैलेष पांडे का स्पष्टीकरण उन्हीं के शब्दों में पेश है-
अपील
प्रिय साथियों,
मुझे आपके माध्यम से पता चला है कि, मेरे विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है। मुझे दी गई जानकारी के अनुसार मुझ पर आरोप है कि मैं अपने निवास में भीड़ को आमंत्रित कर कोरोना के प्राणघातक संक्रमण को बढ़ा रहा था, मैंने धारा 144 का उल्लंघन किया है। मैं इस पटकथा से चकित हूँ और आपके सामने तथ्य रख रहा हूँ -
यह बिलकुल सही है कि हम लगातार नागरिकों तक अनाज दवा पहुँचाने की व्यवस्था कर रहे हैं। मुझे जहां से सूचना मिल रही है, मैं वहाँ पहुँच रहा हूँ जो ज़ाहिर है मेरा दायित्व है। लोगों को भोजन मिले इसकी व्यवस्था भी है जिसमें निश्चित तौर पर मेरी सहभागिता है। यह सब करते हुए मैं और मेरे सभी साथी सुरक्षा मान्य निर्देशों का पालन करते हैं और नागरिकों से भी करने का आग्रह करते हैं।
बीते सात दिनों से कोई क्षण ऐसा नहीं है कि मैंने अपने दायित्व से एक क्षण मुख मोड़ा हो। यह समस्या सरकार की बस नहीं है, हर व्यक्ति हर नागरिक को साझा होकर लड़ना है। नागरिकों को दवा मिले, अनाज मिले भोजन मिले इसकी व्यवस्था करना और यह सुचारु रुप से होती रहे यह मेरा दायित्व है।
मैं आभारी हूँ अपने साथियों का,व्यवसायिक संस्थानों का जिनके पास मैं गया और उन्होंने मुक्त हाथों मेरी मदद की, इन्हीं की मदद से मैं सारी व्यवस्था उपलब्ध करा पा रहा हूँ।
आज जबकि मैं कार्यालय पहुँचा तो भीड़ बेहद ज़्यादा थी, मैने एडिशनल एसपी को फ़ोन किया और उन्हें आकर व्यवस्था देने का आग्रह किया। वे आए और उन्हीं की गाड़ी से मैंने नागरिकों से आग्रह किया कि, वे घर जाएँ, उन तक अनाज और दवा पहुँचेंगी, बिलकुल वैसे ही जैसे कि पहुँच रही हैं।
मेरे लिए यह चकित करने वाला विषय है कि, आज अचानक यह भीड़ कैसे आई।
मैं केवल अपने निहित दायित्वों का निर्वहन कर रहा हूँ, मुझे नहीं लगता कि मैंने अपने नागरिकों की सेवा की तो कोई अपराध किया है मैं फिर दोहराता हूँ हमने किसी भी सुरक्षा मानकों का कोई उल्लंघन नहीं किया बल्कि सभी को लगातार सतर्क भी करते रहे हैं।
मैं आहत हूँ.. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि यह प्रायोजित कार्यक्रम (FIR) का प्रायोजक कौन है..मैं इस मसले पर न्यायालय की शरण लूँगा.. साथ ही विशेषाधिकार हनन के तहत कार्यवाही की माँग करते हुए विधि द्वारा जो संरक्षण हर नागरिक की तरह जो मुझे भी मिला है, मैं इसका उपयोग करुंगा
पुनश्च - सतर्कता के सावधानी के मान्य नियमों का पूर्व की तरह पालन करते हुए मैं अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेह हूँ और उसे निभाते रहूंगा
शैलेश पाण्डेय
विधायक बिलासपुर