UPSC Civil Services Exam: UPSC का सरकार को प्रस्ताव, सिविल सर्विस एग्जाम आवेदन को ही माना जाए अटेंप्ट
संघ लोकसेवा आयोग (Union Public Service Commission) यूपीएससी (UPSC) ने सरकार (Government) को प्रस्ताव दिया है कि सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) के लिए आवेदन को परीक्षा में बैठने के लिए एक प्रयास के तौर पर गिना जाना चाहिए।

UPSC Civil Services Exam:
संघ लोकसेवा आयोग (Union Public Service Commission) यूपीएससी (UPSC) ने सरकार (Government) को प्रस्ताव दिया है कि सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) के लिए आवेदन को परीक्षा में बैठने के लिए एक प्रयास के तौर पर गिना जाना चाहिए। इसके पीछे का मकसद संसाधनों की बचत करना है। यह प्रस्ताव इस बात को देखते हुए दिया गया है कि नौ लाख से अधिक आवेदकों में से सिर्फ तकरीबन आधे उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 (UPSC Civil Services Exam 2018) की अधिसूचना के अनुसार किसी उम्मीदवार को परीक्षा में बैठने के छह मौके दिए जाते हैं। यह सीमा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के उम्मीदवारों पर लागू नहीं होती है। अधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो इससे यूपीएससी (UPSC) के प्रयासों और संसाधनों की बचत करने में मदद मिलेगी।
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अधिकारी ने कहा, अगर हमें तकरीबन नौ लाख आवेदन मिलते हैं तो हमें परीक्षा में नौ लाख उम्मीदवारों के बैठने के हिसाब से तैयारी करनी होती है। लेकिन उनमें से सिर्फ आधे परीक्षा में बैठते हैं। अगर इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया जाता है तो हम काफी धन, समय और प्रयासों की बचत करेंगे। अधिकारी ने कहा कि यूपीएससी (UPSC) ने कार्मिक मंत्रालय (Ministry of Personnel) को अपना प्रस्ताव भेजा है।
सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) सालाना तीन चरणों-प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार-में आयोजित की जाती है। इसके जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) यानी आईएएस (IAS), भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) यानी आईएफएस (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) आईपीएस (IPS) समेत अन्य सेवाओं के लिए अधिकारी चुने जाते हैं।
मौजूदा मानदंडों के अनुसार अगर कोई उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा के दो में से किसी एक प्रश्न पत्र में वास्तव में उपस्थित होता है तो उसका एक प्रयास गिन लिया जाता है। अगर कोई उम्मीदवार परीक्षा में बैठता है तो अयोग्य ठहराए जाने/उम्मीदवारी रद्द किये जाने के बावजूद उसका एक प्रयास गिना जाता है।
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परीक्षा में बैठने के लिए आयु कम से कम 21 होनी चाहिए
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु कम से कम 21 साल होनी चाहिए और वह 32 साल का होने तक छह प्रयास कर सकता है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के उम्मीदवार नौ बार परीक्षा में बैठ सकते हैं।
अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा में पांच साल तक की छूट का प्रावधान है। 2017 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में नौ लाख 57 हजार 590 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था और चार लाख 56 हजार 625 उम्मीदवार वास्तव में परीक्षा में बैठे थे।
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