देश के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा पीएफ का लाभ, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले करने वाले देश के लाखों कर्मचारियों हितों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया है। आउटसोर्स कर्मचारियों को भी दूसरे कर्मचारियों की तरह पीएफ मिलेगा।

देश के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों पर काम करने वाले करने वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने आउटसोर्स कर्मचारियों या कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट आदेश दिया है कि देश के किसी भी संस्थान में आउटसोर्स कर्मचारियों पीएफ का लाभ नियमित कर्मचारियों की तरह दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी प्रोविडेंट फंड के सेक्शन 2 (f) के तहत किसी संस्था में कॉन्ट्रैक्ट पर या नियमित रूप से काम करने वाले लोग कर्मचारी होंगे। साल 2017 में दायर एक केस में सुप्रीम कोर्ट ने पब्लिक सेक्टर यूनिट पवन हंस लिमिटेड से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है और साथ ही पवन हंस को आदेश दिया है कि वे अपने सभी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को पीएफ स्कीम में शामिल करें।
जस्टिस इंदू मल्होत्रा और यूयू ललिल की बेंच ने पवन हंस को जनवरी 2017 से दिसंबर 2019 तक का बकाया पीएफ पर 12 प्रतिशत ब्याज भी कर्मचारियों के खाते में जमा करने का आदेश दिया है। पूर्व श्रम सचिव ने कहा कि लेबर लॉ में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारी और नियमित कर्मचारियों कोई प्रकार का अंतर नहीं है। बताया जा रहा है कि अब डिलिवरी बॉयज को भी पीएफ और अन्य स्कीमों का लाभ मिल सकता है।
कर्मचारियों ने किया फैसले का स्वागत
स्टेट मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य कर्मचारी संघ हरियाणा विजय कुमार वाली और आउटसोर्सिंग के प्रधान नवीन यादव ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बहुत स्वागत किया। साथ ही आने वाले समय में आउटसोर्स में लगे हुए कर्मचारियों को और बेनिफिट दिलाने की बात कही है।