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नीट, जेईई में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के परिणाम पर केजरीवाल ने कहा- प्रतिभा का धन से कोई संबंध नहीं होता

केजरीवाल ने कहा कि निखिल ने जेईई में 678वां रैंक हासिल किया है और उसे आईआईटी-बंबई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग पढ़ने की पेशकश मिली है। उसके पिता साइकिल की मरम्मत करते हैं।

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नयी दिल्ली. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कई छात्र कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि से होने के बावजूद नीट और जेईई में उत्तीर्ण हुए हैं और कहा कि प्रतिभा का धन से कोई संबंध नहीं होता।

उन्होंने कहा कि सफल छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में धन की समस्या नहीं होगी क्योंकि दिल्ली सरकार ने उनके लिए छात्रवृत्ति एवं ऋण के तौर पर दस लाख रुपये की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 569 छात्र सफल हुए हैं जबकि 443 छात्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में उत्तीर्ण हुए हैं। इनमें से 53 छात्र सीधे आईआईटी में नामांकन के योग्य हैं।

उन्होंने कहा कि नीट में सफल 569 विद्यार्थियों में से 379 (67 फीसदी) छात्राएं हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 48 विद्यार्थियों ने नीट में 720 अंक में से 520 से अधिक अंक हासिल किए हैं और तमन्ना गोयल ने 11वां रैंक हासिल किया है।

केजरीवाल ने कहा कि गोयल के पिता बेरोजगार हैं और उनकी मां आसपास के घरों में घरेलू सहायिका का काम करती हैं। उन्होंने कहा कि 680 अंक हासिल करने वाले कुश गर्ग के पिता छोटे दुकानदार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेईई में आरपीवीवी पश्चिम विहार के पांच छात्र आईआईटी के लिए उत्तीर्ण हुए हैं। जेईई में 189वां रैंक हासिल करने वाले आयुष बंसल के पिता किताब की दुकान पर काम करते हैं।

केजरीवाल ने कहा कि निखिल ने जेईई में 678वां रैंक हासिल किया है और उसे आईआईटी-बंबई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग पढ़ने की पेशकश मिली है। उसके पिता साइकिल की मरम्मत करते हैं। उन्होंने कहा कि गर्वित बत्रा ने 1228वां रैंक हासिल किया है और उसके पिता एयरकंडीशनर बनाने वाले मिस्त्री हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि अच्छी शिक्षा से देश में एक पीढ़ी में ही गरीबी खत्म हो सकती है।

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