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देश में बढ़ रही है एथिकल हैकर की डिमांड, साल में 1.25 लाख डॉलर कमा रहे है युवा,जानें क्या है ऑनलाइन बग

साइबर क्राइम देश ही नहीं विदेशाें के लिए भी इस समय सर दर्द बना हुआ है। ऐसे में इस पर जल्द लगाम लगाने की जरूरत है।

देश में बढ़ रही है एथिकल हैकर की डिमांड, साल में 1.25 लाख डॉलर कमा रहे है युवा,जानें क्या है ऑनलाइन बग
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एथिकल हैकर (फाइल फोटो)

देश के युवा करियर में नई-नई तकनीक को अपनाकर लाखों कमा रहे है। आज का युवा हर क्षेत्र में आगे निकल रहा है। इसमे चाहे कोई नई टेक्नोलॉजी हो या साइबर की दुनिया में तहलका मचाने वाला कॅरियर एथिकल हैकिंग। एथिकल हैकिंग को अपनाकर देश का युवा देश में ही नहीं विदेशों में भी काम कर रहे है। वर्तमान समय की बात करें तो एथिकल हैकिंग में रोजगार के बहुत स्कोप है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बड़ी कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर इस तकनीक में काम करने वालों को लाखों देती है।

बग ढूंढने और फिक्स करने के लिए एथिकल हैकर्स को कंपनियां भारी संख्या में हायर करती है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हैकर पासवर्ड सिक्योरिटी सिस्टम एक साल में 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं। अमेरिका ने हैकर्स ने कुल बाउंटी प्रोग्राम्स में से 19 फीसदी जीते। 10 फीसदी बाउंटी के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहा।

हैकर सिक्योरिटी रिपोर्ट 2019 के मुताबिक, 2018 में जीती गई कुल बाउंटी में से 2,336,024 डॉलर बाउंटी भारत की एथिकल हैकर कम्युनिटी को मिली। एक युवा ऑनलाइन बग ढूंढकर साल में 1.25 लाख डॉलर यानी तकरीबन 88.91 लाख रुपए कमाता है।

उत्तर भारत के 23 वर्षीय शिवम वशिष्ठ एथिकल हैकर हैं वह सैन फ्रैंसिस्को स्थित हैकरवन कंपनी से जुडे हैं जो कंपनियों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बग को ढूंढती है। इस कंपनी के स्टारबक्स, इंस्टाग्राम, गोल्डमैन सैक्स, ट्विटर, जोमैटो और वनप्लस जैसे क्लाइंट्स हैं। वे हफ्ते में सिर्फ 15 घंटे हैकिंग करते हैं। उन्होंने मात्र 19 साल की उम्र में एथिकल हैकिंग करनी शुरू कर दी थी।

बग ढूंढने के मिलते हैं लाखों

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने अपने प्लेटफॉर्म पर बग ढूंढने और उन्हें फिक्स करने के लिए अब तक 70 लाख रुपए से ज्यादा खर्च कर चुकी है। वनप्लस ने इसी हफ्ते घोषणा की है कि उसने एक सिक्योरिटी रिस्पॉंस सेंटर सेट-अप किया है जो सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को अब बाउंटी ऑफर करेगा। एक्पर्ट्स को 50 डॉलर से 7,000 डॉलर की रेंज में इनाम मिलेगा। एपल ने भी बग बाउंटी प्रोग्राम खोला है जहां पर सिक्योरिटी रिसर्चर्स को बग ढूंढने के लिए 1 लाख डॉलर से 10 लाख डॉलर के बीच बाउंटी दी जाएगी। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अपनी साइट से बग खोजने वाले शोधकर्ताओं पर 18 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है।

क्या होता हैं सॉफ्टवेयर बग (Software Bug)

जब एक डेवलपर कोई कंप्यूटर प्रोग्राम बनाता है तो उसमे कुछ ऐसी कमियां रह जाती है, जो डेवलपर को नहीं नजर आती। जिसे आप त्रुटि, दोष, गलती, विफलता या खोट (फॉल्ट) कह सकते हो, लेकिन इसे तकनीकी भाषा में सॉफ्टवेयर बग (Software Bug) कहते हैं। बग किसी भी सॉफ्टवेयर को क्रैश कर सकता है। कई बार बग गलत कोडिंग की वजह से बनते हैं, तो कभी गलत कोड बनाने वाले कम्पाइलर सॉफ्टवेयर के कारण बनते हैं। इन सब को सुधारने के लिए जो प्रकिया अपनाई जाती है उसे बग सॉफ्टवेयर का नाम दिया जाता है।

आप भी बना सकते है करियर

समय के साथ साइबर क्राइम बढ़ा है। लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट हैक होने की खबरें अब आम हो गई है। इंटरनेट की मदद से साइबर क्राइम इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में अब इस साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए एक्सपर्ट भी मार्किट में भारी डिमांड है। इसे ही एथिकल हैकिंग कहा जाता है। एथिकल हैकर साइबर क्राइम होने पर क्रिमिनल को पकड़वाने में अहम् भूमिका निभाते हैं। देश के सभी बडे बैकों में साइबर क्राइम की खबरे आ रही है। ऐसे में बैंकों में भी इनकी डिमांड तेज है। युवा इसमें अपना करियर बना सकते है।

कई तरह के स्किल्स होने जरूरी

एथिकल हैकर बनने के लिए कई तरह के स्किल्स होने चाहिए। कंप्यूटर व इंटरनेट की गहन होनी जरूरी है।साथ ही हर नई तकनीक की बेहतर जानकारी होनी जरूरी है। टेक्निकल नॉलेज का भी भंडार भी आपके पास होना चहिए।

ग्रेजुएशन के बाद कर सकते है कोर्स

ग्रेजुएशन के बाद एथिकल हैकिंग में करियर बनाया जा सकता है। कुछ संस्थान यह कोर्स 12वीं के बाद भी करवाते है। एथिकल हैकिंग के कोर्स के दौरान छात्रों को इंटरनेट व साइबर सिक्योरिटी से संबंधित छोटी से छोटी जानकारी प्रदान की जाती है।

रोजगार की काफी हैं संभावनाएं

एथिकल हैकर्स के लिए रोजगार की कमी नहीं है। आज बडी कंपनी से लेकर छोटी कंपनी तक में इसकी डिमांड है। सेना, पुलिस, खुफिया विभाग, फॉरेंसिक डिपार्टमेंट व अन्य सरकारी विभागों में भी इनकी जरूरत पड़ती है। साइबर क्राइम से निपटने के लिए अलग से साइबर सेल मौजूद है, वहां पर हमेशा ही एथिकल हैकर्स की जरूरत रहती है। इसके अतिरिक्त जासूस एजेंसियों व अन्य कई तरह की कंपनियों भी एथिकल हैकर्स की तलाश में हैं।

एथिकल हैकर्स कोर्स के प्रमुख संस्थान

  • इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एथिकल हैकिंग
  • इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फार्मेशन सिक्योरिटी
  • मद्रास यूनिवर्सिटी
  • डोएक कालीकट
  • एसआरएम यूनिवर्सिटी
  • सीईआरटी

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